इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर कारिडोर योजना के खिलाफ याचिका की खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अहम निर्णय सुनाया। चीफ जस्टिस डीबी भोंसले की पीठ ने काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर व गंगा पाथ वे योजना के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका खारिज को शारिज कर दिया। अब योजना को एक तरह से ग्रीन सिग्नल मिल गया है। पूरी खबर..
इलाहाबाद: लंबे समय से वाराणसी में विवाद और चर्चाओं के केन्द्र में रही काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर व गंगा पाथ वे योजना को इलाहाबाद हाईकोर्ट का ग्रीन सिग्नल मिल गया। इस योजना के खिलाफ सुनील सिंह की जनहित याचिका को मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले और यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने खारिज कर दिया।
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उच्च न्यायालय ने विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर योजना को जनता के हित में माना और कहा कि विकास से संबंधी योजनाओं को रोकना उचित नही है।
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दाखिल याचिका में काशी विश्वनाथ मंदिर के सीCEO विशाल सिंह को हटाने से लेकर योजना का ब्लू प्रिंट जारी करने, पुराने भवनों के ध्वस्तीकरण को रोकने, शहर का मूल स्वरूप कायम रखने की मांग प्रमुख रुप से की गयी थी।