राष्ट्रपति कोविंद ने इलाहाबाद में रखी न्याय ग्राम की आधारशिला, कहा- न्याय में देरी भी अन्याय है

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद आज एक भव्य समारोह में इलाहाबाद के देवघाट झलवा में न्याय ग्राम परियोजना की आधारशिला रखी। इस मौके पर उन्होंने देश की स्वतंत्र न्याय प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि यह हमारे लोकतंत्र को और अधिक विश्वसनीय व मजबूत बनाती है।

 न्याय ग्राम परियोजना का उद्घाटन करते राष्ट्रपति कोविंद व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस डीबी भोंसले
न्याय ग्राम परियोजना का उद्घाटन करते राष्ट्रपति कोविंद व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस डीबी भोंसले


नई दिल्ली: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद आज एक भव्य समारोह में इलाहाबाद के देवघाट झलवा में न्याय ग्राम परियोजना की आधारशिला रखी। इस मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि न्याय मिलने में देर होना भी एक तरह का अन्याय है। गरीबों के लिए न्याय-प्रक्रिया में होने वाले विलंब का बोझ असहनीय होता है। इस अन्याय को दूर करने के लिए हमें अजर्न्मन्ट से परहेज करना चाहिए। अजर्न्मन्ट तभी हो जब और कोई चारा न हो।  

मील का पत्थर साबित होगी न्याय ग्राम परियोजना

इस मौके पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी न्याय प्रणाली की स्वतंत्रता भारत के लोकतंत्र को और अधिक विश्वसनीय एवं मजबूत बनाती है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश की जुडिशल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना बहुत जरूरी है और मैं आशा करता हूं कि ‘न्याय ग्राम परियोजना’ इलाहाबाद उच्च न्यायालय की आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।  

ई-कोर्ट्स की स्थापना सराहनीय कदम

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उन्होंने कहा कि हमारी न्याय-पालिका के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं। राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि यह जानकर खुशी हुई है कि कागज रहित न्यायालयों को स्थापित करने की दिशा में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा यहां दो ई-कोर्ट्स  की स्थापना की गई है।     

न्याय ग्राम परियोजना के उद्घाटन मौके पर राष्ट्रपति  व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस डीबी भोंसले

अदालतों में स्थानीय भाषा का चलन

इस मौके पर राष्ट्रपति ने अदालतों में स्थानीय भाषा में बहस करने की शुरूआत करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि अदालतों में स्थानीय भाषा के चलन से सामान्य नागरिक अपने मामले की प्रगति को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे। साथ ही निर्णयों और आदेशों की सत्य प्रतिलिपि का स्थानीय भाषा में अनुवाद उपलब्ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए।

न्याय ग्राम परियोजना की आधारशिला के मौके पर आयोजित समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, इलाहाबाद के चीफ जस्टिस डीबी भोंसले, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस आर के अग्रवाल और जस्टिस अशोक भूषण भी मौजूद रहे। 

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इस समारोह में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं समेत न्यायिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भी शिरकत की। कार्यक्रम के लिये जोरदार तैयारियां और सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये। प्रस्तावित न्याय ग्राम के लिये राज्य सरकार ने कार्यदायी संस्था के मद के रूप में 39510.56 लाख रूपये के बजट को मंजूरी दे दी है।  

 

न्याय ग्राम परियोजना के शिलान्यास से पूर्व संगम तट पर आरती करते राष्ट्रपति व अन्य

इस कार्यक्रम से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, मुख्यमंत्री योगी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री श्सिद्धार्थनाथ सिंह, पर्यटन मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी व अन्य कई लोगों ने इलाहाबाद में संगम तट पर एक साथ गंगा आरती की।
 










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