दिल्ली में बढ़ते वायरल संक्रमण मामले के बीच 'लैब' व निजी अस्पताल में हो रहा ये काम, पढ़ें डीटेल
राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19, इन्फ्लुएंजा और अन्य श्वसन संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच निजी अस्पताल और प्रयोगशालाएं एक व्यापक पैकेज की पेशकश कर रहे हैं जिससे बार-बार संक्रमण की जांच करवाने की जरुरत नहीं होगी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19, इन्फ्लुएंजा और अन्य श्वसन संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच निजी अस्पताल और प्रयोगशालाएं एक व्यापक पैकेज की पेशकश कर रहे हैं जिससे बार-बार संक्रमण की जांच करवाने की जरुरत नहीं होगी।
विभिन्न प्रकार के वायरस के संक्रमण के कारण लोगों में आमतौर पर खांसी, सर्दी और बुखार जैसे लक्षण पाए जाते हैं और कई बार एक ही परीक्षण से इसका निदान नहीं होता है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा कि इन्फ्लुएंजा के मामलों में वृद्धि इन्फ्लुएंजा ए के उप प्रकार एच3एन2 वायरस के कारण है। पिछले कुछ महीनों में देश भर के अस्पतालों में बड़ी संख्या में इन्फ्लुएंजा के मामले सामने आ रहे हैं।
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आईसीएमआर के मुताबिक, भारत में आम तौर पर मौसमी इन्फ्लुएंजा दो चरण में देखे जाते हैं। पहले चरण की शुरुआत जनवरी से मार्च महीने के बीच होती है और दूसरा चरण मानसून के बाद आता है।
डॉ डैंग्स लैब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सहयोगी अर्जुन डांग ने बताया, 'शहर में वायरल संक्रमण में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, हमने एक मल्टीप्लेक्स पीसीआर-आधारित व्यापक 'फ्लू पैनल' शुरू किया है जिसमें 17 रोगाणुओं को शामिल किया गया हैं। इनमें सामान्य वायरस जैसे कोविड-19, इन्फ्लुएंजा वायरस, पैराइन्फ्लुएंजा वायरस शामिल हैं। इनकी जांच की जाएगी।
प्रयोगशाला एक व्यापक श्वसन पैनल भी प्रदान करता है जो 22 रोगाणुओं के लिए परीक्षण करता है, जिसमें सामान्य बैक्टीरिया और वायरस के सभी सामान्य परिसंचारी उपभेद शामिल हैं।
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उन्होंने बताया, 'इसका फायदा यह है कि ये कुछ ही घंटों में परिणाम देते हैं और अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। '