Australian all-rounder Cameron Green: ‘क्रॉनिक किडनी’ रोग से पीड़ित हैं कैमरन ग्रीन

डीएन ब्यूरो

आस्ट्रेलिया के आल राउंडर कैमरन ग्रीन ने खुलासा किया कि जब वह पैदा हुए थे तो वह ‘इररिवर्सिबल क्रॉनिक किडनी’ रोग से पीड़ित थे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Australian all-rounder Cameron Green
Australian all-rounder Cameron Green


पर्थ:  आस्ट्रेलिया के आल राउंडर कैमरन ग्रीन ने खुलासा किया कि जब वह पैदा हुए थे तो वह ‘इररिवर्सिबल क्रॉनिक किडनी’ रोग से पीड़ित थे।

आस्ट्रेलिया के इस दुबले पतले हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा कि एक समय उनके 12 साल से ज्यादा जीने की उम्मीद नहीं थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उन्होंने कहा कि इस बीमारी के कोई लक्षण नहीं होते और इसमें किडनी (वृक्क) को ठीक भी नहीं किया जा सकता।

ग्रीन ने ‘चैनल 7’ से कहा, ‘‘जब मेरा जन्म हुआ तो मेरे माता पिता को बताया गया कि मुझे ‘इररिवर्सिबल क्रॉनिक किडनी’ बीमारी है जिसके कोई लक्षण नहीं होते लेकिन अल्ट्रासाउंड के जरिये इसका पता चला। ’’

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उन्होंने कहा, ‘‘क्रॉनिक किडनी बीमारी बढ़ती रहती है। दुर्भाग्य से मेरा गुर्दा अन्य लोगों के गुर्दे की तरह खून को साफ नहीं करता। ’’

यह 24 साल का खिलाड़ी आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का अहम सदस्य है। ग्रीन ने कहा कि उनका ‘किडनी फंक्शन’ इस समय 60 प्रतिशत है जो दूसरे चरण में है और पांचवें चरण में प्रत्यारोपण या ‘डायलिसिस’ की जरूरत होती है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अभी बीमारी के दूसरे चरण में हूं लेकिन अगर आप अच्छी तरह देखभाल नहीं करोगे तो यह स्तर और नीचे चला जायेगा। किडनी सही नहीं हो सकती। इसे ठीक नहीं किया जा सकता। इसलिये आप बीमारी के बढ़ने को धीमा करने के तरीके ढूंढ सकते हो, आप कोशिश करते हो। ’’

ग्रीन की मां टार्सी को गर्भावस्था के 19वें हफ्ते के स्कैन में इस बीमारी का पता चला था।

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ग्रीन के पिता गैरी ने कहा, ‘‘उस समय इसके बारे में ज्यादा पता नहीं था। तब उसके 12 वर्ष से अधिक जीने की उम्मीद नहीं थी।’’

तेज गेंदबाजी आल राउंडर ग्रीन ने 2020 में आस्ट्रेलिया के लिए पदार्पण किया था और तब से 24 टेस्ट, 23 वनडे और आठ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के कारण उनका क्रिकेट करियर भी प्रभावित हुआ है क्योंकि उन्हें मांसपेशियों में खिंचाव बहुत जल्दी हो जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नमक और प्रोटीन कम रखना पड़ता है जो बतौर क्रिकेटर आदर्श स्थिति नहीं है लेकिन जब मैच होते हैं तो मैं प्रोटीन थोड़ा ज्यादा लेने लगता हूं क्योंकि मैं मैदान पर काफी ऊर्जा खर्च करता हूं। बस खुद की देखभाल का सही तरीका ढूंढना पड़ता है। ’’

 










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