बलिया: ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में उतरे शिक्षक, 15 जुलाई को जिला मुख्यालय पर धरने की चेतावनी
ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों व शिक्षकों ने काली पट्टी बांध कर शिक्षण कार्य किया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
बलिया: ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों व शिक्षकों ने काली पट्टी बांध कर शिक्षण कार्य किया। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार के निर्देश को अतार्किक एवं विद्यालय की भौतिक स्थिति को नजरंदाज कर डिजिटाइजेशन करने की बात कही।
जिलाध्यक्ष डॉ. घनश्याम चौबे ने कहा यह सिलसिला 14 जुलाई तक चलेगा। यदि सरकार फिर भी इस काले कानून को वापस नहीं लेती तो आगामी 15 जुलाई को जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। जिलाधिकारी/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा।
यह भी पढ़ें |
Kannauj Teacher Protest: कन्नौज के कलेक्ट्रेट पर ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में शिक्षकों ने किया विरोध प्रदर्शन
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार वरिष्ठ उपाध्यक्ष अवनीश सिंह ने कहा कि डिजिटलाइजेशन जैसा अविवेकपूर्ण काला कानून मानवीय मूल्यों को दरकिनार कर लाया गया है। जिला महामंत्री धीरज राय ने कहा कि मानविकी को किसी भी दशा में यांत्रिक नहीं किया जा सकता है। संरक्षक अरुण सिंह ने इसे अव्यवहारिक काल कानून बताया।
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की आनलाइन उपस्थिति का निर्देश नगरा में पहले ही दिन फ्लाॅप हो गया। हालांकि कुछ शिक्षकों ने प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सके। शासन ने आनलाइन हाजिरी के लिए 7.45 बजे से 8.30 बजे तक का समय निर्धारित किया था। सभी शिक्षक समय से विद्यालय पहुंच गए थे। जूनियर हाईस्कूल में टैबलेट न उपलब्ध होने से शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति का प्रयास नहीं किया।
यह भी पढ़ें |
बलिया: BSA की बड़ी कार्रवाई; 132 शिक्षकों शिक्षामित्रों व अनुदेशकों पर एक्शन, जानिये पूरा मामला
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्राथमिक विद्यालय ढेंकवारी के प्रधानाध्यापक रामनिधि राम ने बताया कि प्रेरणा पोर्टल काम नहीं कर रहा है। उच्च प्राथमिक विद्यालय तुर्की दौलतपुर के प्रधानाध्यापक ने बताया कि उन्हें टैबलेट ही नहीं मिला है। प्राथमिक विद्यालय इंदासों के प्रधानाध्यापक ने बताया कि टैबलेट काम नहीं कर रहा है। अधिकतर विद्यालयों पर टेबलेट का सिम एक्टीवेट ही नहीं हुआ था। नगरा के बीईओ आरपी सिंह ने बताया कि आनलाइन हाजिरी का पहला प्रयोग था इस लिए सफल नहीं हो सका।