बसंत पंचमीः वैदिक मंत्रोच्चार संग स्थापित की गई होलिका, शुरू हुई फाग की राग

डीएन ब्यूरो

बसंत पंचमी के दिन से ही शहर व गांव में ढोलक की थाप और झाल के साथ फाग की राग शुरू हो गई। वैदिक मंत्रोच्चार के संग पुरोहितों ने होलिका स्थापित कराया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ पर पंचमी पंचमी का उमंग

होलिका (फ़ाइल फोटो )
होलिका (फ़ाइल फोटो )


महराजगंजः बसंत पंचमी को जनपद के शहर व गांव में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होलिका स्थापित की गई। इसी के साथ ढोल की थाप और झाल की आगाज होती है। इसे लेकर बच्चे, बुढे़ और नव युवकों के मन में उमंग की उर्जा संचार हो गई। गांवों में बच्चों ने रेड़ और बांस की होलिका स्थापित कर दिया। 

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शिव योग में स्थापित हुई होलिका 
शिव योग के संयोग में पुरोहितों ने वैदिक मंत्र के बीच होलिका की अक्षत, फूल, चंदन के साथ विधि विधान से पूजा अर्चना किया। इस दौरान फाग की राग लोगों के मन में तैर गई। तनि मार मोहन पिचकारी, भिजत मोरी साड़ी फाग के बोल पर लोग झूम उठे। 

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हर गांव में शुरू हो गया फाग की राग 
सोहरौना तिवारी, अमवा, जड़ार, कामता, गिदहा, राजमंदिर आदि गांवों में होलिका स्थापित की गई। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता फरेंदा, धानी, पुरन्दरपुर, सिसवा, बृजमनगंज, नौतनवा के अनुसार उनके क्षेत्र में बसंत पंचमी के अवसर पर धार्मिक रीति रिवाज से गांवों में होलिका स्थापित की गई। गांव-गांव में फाग के राग शुरू हो गया।










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