UP: आशिक मिजाज दारोगा खुद के साथ ले डूबा कई को, बस्ती के चर्चित केस में पुलिस अफसरों समेत कई कर्मचारियों पर गिरी गाज

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में युवती को अश्लील मैसेज भेजने के चर्चित मामले में कोतवाली थाने में तैनात आशिक मिजाज दारोगा दीपक सिंह की शर्मनाक हरकत पूरे विभाग समेत कई पुलिस अफसरों व कर्मचारियों को भारी पड़ गयी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

फाइल फोटो
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बस्ती: कोतवाली थाने में तैनात आशिक मिजाज दारोगा दीपक सिंह की शर्मनाक हरकत पूरे विभाग समेत पुलिस अफसरों को भारी पड़ गया। लड़की को अश्लील मैसेज भेजने के आरोपित दारोगा दीपक सिंह व कोतवाल रामपाल यादव के निलंबन के बाद तत्कालीन सीओ सिटी गिरीश सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है। मामले की पहली जांच करने वाले एएसपी रविंद्र सिंह को भी हटा दिया गया है। इसके साथ ही आरोपित दारोगा, उसके भाई और दो राजस्वकर्मियों समेत 14 सरकारी कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। 

बस्ती के इस चर्चित मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को एडीजी और कमिश्नर को तलब कर जांच की प्रगति जानी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा। जिसके बाद तत्कालीन सीओ सिटी गिरीश सिंह के निलंबिन के साथ ही अन्य 14 सरकारी कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। एएसपी रवींद्र सिंह को हटाकर उन्हें अभिसूचना मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। उनके स्थान पर दीपेंद्र नाथ चौधरी को नियुक्ति मिली है। 

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इस मामले में तत्कालीन एसपी हेमराज मीणा को पहले की लखनऊ पुलिस मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया था। 

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एडीजी के आदेश पर आइजी अनिल राय ने युवती की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करवाया है। निलंबित दारोगा दीपक सिंह, उसके भाई दारोगा राजन सिंह, निलंबित कोतवाल रामपाल यादव, पूर्व महिला थाना प्रभारी शीला यादव, दारोगा अभिषेक सिंह, कानूनगो सतीश, हल्का लेखपाल शालिनी सिंह, आरक्षी पवन कुमार कुशवाहा, आलोक कुमार, संजय कुमार, महिला आरक्षी दीक्षा यादव, नीलम सिंह को इस मुकदमे में नामजद किया गया है। इसके अलावा तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों पर भी एफआइआर की गई है। मुकदमे की जांच सीओ सिटी आलोक प्रसाद को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी। 

बता दें कि यह मामला कोरोना संक्रमण काल के दौरान जून 2020 का है। आरोपी दारोगा ने तब जांच के नाम पर युवती का मोबाइल नंबर लिया था। उसके बाद दारोगा युवती को अश्लील मैसेज भेजने लगा। विरोध करने पर मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। इसके बाद गांव में चकरोड का विवाद हुआ, जहां दारोगा को बंधक बनाया गया। दारोगा ने युवती और उसके घर वालों के खिलाफ आठ फर्जी मामले दर्ज किये, जिससे युवती की परेशानी बढ़ गई। युवती और उसके परिजनों की शिकायत पर कहीं सुनवाई नहीं। गत दिनों सीएम से मिलने के बाद मामले के जांच के आदेश दिये गये, जिसके बाद अब इस केस में कड़ी कार्रवाई हुई है। 










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