DN Exclusive: बहराइच के स्कूल का हाल, 12वीं का छात्र 10वीं का टीचर
भारत-नेपाल बार्डर पर शिक्षा की दुर्दशा का एक अनोखा उदाहरण देखने को मिला। जनपद बहराइच के ब्लॉक नबाबगंज में एक सरकारी हाई स्कूल है, जहां छात्रा-छात्राएं तो पढ़ने को आते है लेकिन उन्हें पढ़ाने को कभी कोई टीचर नहीं मिलता।
बहराइच: भारत-नेपाल बार्डर पर शिक्षा की दुर्दशा का एक अनोखा उदाहरण देखने को मिला। जनपद के ब्लॉक नबाबगंज में एक सरकारी हाई स्कूल वर्षों से अध्यापक के लिये तरस रहा है। स्कूल में पढ़ने के लिये आने वालो छात्रों को यहां कोई पढ़ाने नहीं है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाने कि जिम्मेदारी गांव के ही एक विद्यार्थी ने अपने कन्धो पर ले ली है। इसी वर्ष 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले इस बच्चे का नाम शिवम है।
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डाइनामाइट न्यूज़ ने जब इस स्कूल का दौरा किया तो यहां बच्चे तो कई दिखे पर कोई अध्यापक विद्यालय में नजर नहीं आया। शिवम ही बच्चों को पढ़ा रहा था। नन्हा अध्यापक शिवम ही स्कूल का संचालन करता है।
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डाइनामाइट न्यूज से बातचीत करते हुए शिवम ने बताया कि आज तक यहां कोई अध्यापक आया ही नही, मैं ही इन बच्चों को पढता हूँ। जबकि यहां मुक्तेश्वर प्रसाद पोद्दार प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत है, जो पांच या छह माह में केवल इस स्कूल को देखने आते हैं। स्कूल के अंदर बच्चे तो पढ़ाई करते हुए मिले, मगर पता चला कि अध्यापक यहां कभी नही आते।