DN Exclusive: महराजगंज की बड़ी खबर, चार भाजपाई विधायकों में से एक की टिकट कटने के प्रबल आसार, भाजपा ने बनायी चुनावी तैयारियों में विपक्ष पर बढ़त
सत्तारुढ़ भाजपा चार महीने बाद होने जा रहे चुनावी संग्राम में अपनी हर रणनीति को मुकम्मल बनाने में जी-जान से भिड़ी है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
नई दिल्ली/लखनऊ: दो दिन पहले यूं तो दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित आवास पर एमएलसी मनोनयन और संक्षिप्त मंत्रिमंडल विस्तार पर मुहर लगायी गयी लेकिन सूत्रों का कहना है कि संगठन ने सभी 403 सीटों पर गठबंधन सहयोगियों और भाजपा उम्मीदवारों के नाम की संभावित सूची तैयार कर ली है।
जानकारों का दावा है कि संगठन ने गोपनीय सर्वे कराया है। इसके तहत खराब परफार्मेंश, ठेके-पट्टों में अवैध वसूली, ट्रांसफर-पोस्टिंग, क्षेत्र से गायब रहना, पांच साल के दौरान चल-अचल संपत्ति में जबरदस्त बढ़ोत्तरी को शिकायतों को लेकर सभी पचहत्तर जिलों में कम से कम पचास विधायकों के टिकट कटने तय माने जा रहे हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि दशहरे पर भाजपा सौ उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है।
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डाइनामाइट न्यूज़ ने जब अपने सूत्र से महराजगंज जिले के चार भाजपाई विधायकों की वर्तमान हैसियत के बारे में नब्ज टटोली तो चौंकाने वाली खबर सामने आय़ी।
अंदरुनी भरोसेमंद सूत्र का दावा है कि सत्ता के घोड़े पर सवार इन चार विधायकों में से एक का टिकट काटे जाने को लेकर राज्य के स्तर पर सरकार चलाने वालों और संगठन चलाने वालों के बीच सहमति बन चुकी है।
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अब जब टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा संसदीय दल की बैठक में मंथन होगा तो राज्य की सिफारिश पर दिल्ली में मुहर लगा दी जायेगी।
कहा जा रहा है कि बदले समीकरणों में ये विधायक जिले के एक नेता के बेहद करीबी बन गये और यही बात लखनऊ को नागवार गुजर रही है। संगठन के गोपनीय सर्वे में पिछले पांच साल में इनकी चल-अचल संपत्ति में जबरदस्त इजाफे की खबर है। इनके बारे में यह भी चर्चित है कि पद पर आने के बाद ये बेअंदाज हो जाते हैं। इसके अलावा बीते साढ़े चार में ये कई मौकों पर काफी विवादों में भी रहे। यही कारण है कि सब कुछ सोचने और समझने के बाद राज्य संगठन ने सरकार चलाने वालों की मंशा को भांप इनके टिकट को काटने पर अपनी सहमति दे दी है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा का संसदीय बोर्ड क्या अंतिम निर्णय करता है?