Karnataka Election: कर्नाटक चुनाव से पहले भाजपा से कांग्रेस में गये शेट्टर को लेकर बड़ा सियासी दावा, जानिये पूरा अपडेट
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अरुण सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लिंगायत समाज के वरिष्ठ नेताओं को टिकट ना देकर पूरे समुदाय का अपमान किया है। पढ़िये डाइनामइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अरुण सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लिंगायत समाज के वरिष्ठ नेताओं को टिकट ना देकर पूरे समुदाय का अपमान किया है और साथ ही यह दावा किया कि पार्टी कार्यकर्ता कर्नाटक चुनाव में पार्टी को ‘धोखा’ देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर की हार सुनिश्चित कर ‘सबक’ सिखाएंगे।
डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट राज्य के प्रभारी भाजपा महासचिव सिंह ने कहा कि शेट्टर की पारंपरिक सीट हुबली-धारवाड़ मध्य सत्तारूढ़ पार्टी के लिए ‘सुरक्षित’ सीट है और आगे भी रहेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘शेट्टर इस निर्वाचन क्षेत्र से जीत रहे थे क्योंकि यह भाजपा की सीट थी। उनका कभी कोई जनाधार नहीं रहा। भाजपा कार्यकर्ता पार्टी के साथ उनके विश्वासघात से परेशान हैं और उनकी हार सुनिश्चित करेंगे। उन्हें सबक सिखाया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा उम्मीदवार महेश तेंगिनाकाई भी शेट्टर की तरह लिंगायत हैं और पूर्व मुख्यमंत्री के समान उपजाति से हैं। तेंगिनाकाई पार्टी की प्रदेश इकाई के महासचिव हैं। उनका मुकाबला छह बार के विधायक शेट्टर से है।
भाजपा पर उन्हें टिकट नहीं देकर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए शेट्टर ने पार्टी से अपने दशकों पुराने संबंध तोड़ लिए और कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस ने उन्हें उनकी पारंपरिक सीट से मैदान में उतारा है। लिहाजा, आगामी 10 मई को होने वाले चुनावों में यह निर्वाचन क्षेत्र एक प्रमुख चुनावी मैदान बन गया है।
भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद एक अन्य प्रमुख लिंगायत नेता लक्ष्मण सावदी ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है। सावदी की गिनती राज्य के प्रमुख भाजपा नेताओं में होती थी और वह राज्य के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
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इन दोनों नेताओं की नाराजगी के बाद कांग्रेस ने सत्तारूढ़ पार्टी पर लिंगायत समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाया है और दोनों को अपना उम्मीदवार बनाया है।
सिंह ने कांग्रेस के दावे को खारिज कर दिया और कहा कि भाजपा के पास पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के रूप में सबसे बड़े लिंगायत नेता का समर्थन है और उसके पास वी सोमन्ना और बी पी यतनाल जैसे समुदाय के कई लोकप्रिय नेता भी हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी राज्य के सबसे बड़े सामाजिक समूह से हैं, जो लंबे समय से भाजपा के आधार का केंद्र रहा है।
उन्होंने कहा कि सावदी 2018 में अपनी सीट भी नहीं जीत सके थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया और उपमुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने भी शेट्टर को पूरा सम्मान दिया लेकिन उन्होंने अपने निजी हितों के लिए पार्टी को धोखा देना चुना।
सिंह ने सोशल इंजीनियरिंग, विभिन्न समुदायों को साधने के लिए राज्य सरकार द्वारा आरक्षण में फेरबदल, विकास और 72 नए उम्मीदवारों को टिकट देकर नया नेतृत्व लाने की पार्टी की कोशिशों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सब पार्टी की जीत में प्रमुख कारक साबित होंगे।
कांग्रेस ने चुनाव में भाजपा के कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है और सत्तारूढ़ पार्टी को घेरने के लिए उस पर लिंगायतों का 'अपमान' करने का आरोप लगाया है।
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सिंह ने विश्वास जताया कि सत्तारूढ़ पार्टी पुराने मैसूर क्षेत्र में भी गहरी पैठ बनाएगी जहां जद (एस) और कांग्रेस पारंपरिक रूप से मुख्य प्रतिद्वंद्वी रहे हैं।
इस क्षेत्र में वोक्कालिगा समुदाय की खासी तादाद है और उनका मुख्य पेशा कृषि रहा है।
भाजपा महासचिव ने कहा कि आर अशोक और सी टी रवि जैसे वोक्कालिगा नेताओं की मौजूदगी से भाजपा को क्षेत्र में अपनी सीटों की संख्या बेहतर करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा कर्नाटक में सत्ता में बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह राज्य कारोबारी सुगमता, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और नवोन्मेष समेत कई वृद्धि सूचकांकों पर देश का अग्रणी राज्य रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य 150 सीटों का है। हम निश्चित रूप से इसे हासिल करेंगे।’’