कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस के घोषणा पत्र पर मध्य प्रदेश में छिड़ी जुबानी जंग, भाजपा ने उठाया सवाल
भोपाल, तीन मई (भाषा) कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल के खिलाफ ‘निर्णायक कार्रवाई’ के वादे को लेकर मध्य प्रदेश में भाजपा एवं कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। भाजपा नेता व प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की ‘‘हनुमान भक्ति’’ पर सवाल उठाया है।
भोपाल: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल के खिलाफ ‘निर्णायक कार्रवाई’ के वादे को लेकर मध्य प्रदेश में भाजपा एवं कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। भाजपा नेता व प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की ‘‘हनुमान भक्ति’’ पर सवाल उठाया है।
मिश्रा ने बुधवार को इस बारे में कमलनाथ को एक पत्र लिखा और मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है।’’
इसके जवाब में कमलनाथ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय भी कह रहा है कि नफरत फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
कांग्रेस ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को जारी अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा कि कांग्रेस जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच 'नफरत फैलाने' वाले बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ ‘‘कड़ी और निर्णायक कार्रवाई’’ करने को प्रतिबद्ध है।
यह भी पढ़ें |
कांग्रेस ने पीएम मोदी पर किया पलटवार, कहा- हनुमान भक्तों की आस्था का अपमान किया, जानिये पूरा मामला
इसमें कहा गया है कि कार्रवाई में ऐसे संगठनों के खिलाफ 'प्रतिबंध' भी शामिल होगा।
गौरतलब है कि बजरंग दल एक दक्षिणपंथी हिंदू संगठन है जिसका प्रतीक चिन्ह भगवान ‘हनुमान’ हैं। वहीं, बजरंग भगवान हनुमान का दूसरा नाम है।
गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली कांग्रेस ने कर्नाटक के चुनावी घोषणापत्र में बजरंग दल की तुलना पीएफआई करके ओर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर करोड़ों हिंदुओं और राम भक्तों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है।
उन्होंने सवाल किए, ‘‘स्वयं को हनुमान भक्त बताने वाले कमलनाथ को बताना चाहिए कि वह अपनी पार्टी के निर्णय के पक्ष में हैं या विपक्ष में। साथ ही कमलनाथ आप यह भी बताएं कि दिग्विजय सिंह के बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने वाले ट्वीट से सहमत हैं या नहीं? मुझे उम्मीद है कि हनुमान भक्त होने के नाते आप मेरे पत्र का उत्तर जरूर देंगे।’’
यह भी पढ़ें |
महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार के सवाल पर देशवासियों को क्यों जवाब नहीं देती भाजपा?
कर्नाटक के घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के वादे को क्या मध्य प्रदेश के चुनावी घोषणापत्र में भी शामिल किया जाएगा, यह सवाल करने पर कमलनाथ ने कहा, ‘‘यह घोषणापत्र समिति द्वारा तय किया जाएगा। यहां तक कि उच्चतम न्यायालय और पूरा राज्य कह रहा है कि नफरत फैलाने वालों एवं विवाद पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यह हमारी सामाजिक एकता का मामला है।’’
भगवान हनुमान के भक्त होने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कमलनाथ ने कहा, ‘‘इसका इससे (बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने से) क्या संबंध है?’’
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने भी इस संबंध में कई ट्वीट किए।
सिंह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मोदी जी का धर्म हिंदुत्व है, हिंदू या सनातन धर्म नहीं। जैसे कि (वीर दामोदर) सावरकर जी ने कहा है कि हिंदुत्व का हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। ठीक उसी तरह से बजरंग दल का भगवान हनुमान से कोई लेना-देना नहीं है। यह गुंडों का संगठन है।’’