बिहार शिक्षा विभाग ने प्रशिक्षु शिक्षकों को लेकर किया ये बड़ा फैसला, नहीं मिलेगी ये छुट्टी
बिहार शिक्षा विभाग के राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने एक आदेश में कहा है कि राज्य में प्रखंड संसाधन केंद्रों (बीआरसी) सहित सभी केंद्रों पर जारी शिक्षकों का प्रशिक्षण 29 जुलाई को मुहर्रम के दिन भी जारी रहेगा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
पटना: बिहार शिक्षा विभाग के राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने एक आदेश में कहा है कि राज्य में प्रखंड संसाधन केंद्रों (बीआरसी) सहित सभी केंद्रों पर जारी शिक्षकों का प्रशिक्षण 29 जुलाई को मुहर्रम के दिन भी जारी रहेगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एससीईआरटी द्वारा 18 जुलाई को सभी प्रशिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों को जारी एक परिपत्र के अनुसार, राज्य के विभिन्न केंद्रों पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों (नवनियुक्ति सहित) को 29 जुलाई, मुहर्रम के दिन अवकाश नहीं मिलेगा, उस दिन भी प्रशिक्षण जारी रहेगा।
एससीईआरटी के निदेशक द्वारा जारी परिपत्र सभी कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन (सीटीई), डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (डीआईईटी), प्राइमरी टीचर एजुकेशन कॉलेज (पीटीईसी), ब्लॉक इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (बीआईईटी) के प्राचार्यों और बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान के संबंधित अधिकारी को भेज दिया गया है।
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परिपत्र का निर्देश नवनियुक्त शिक्षकों को प्रशिक्षण देने वाले शिक्षकों, व्याख्याताओं पर भी प्रभावी है।
‘पीटीआई-भाषा’ के बार-बार प्रयास के बावजूद बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से इस संबंध में प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हो सकी है।
बिहार सरकार ने पहले ही 29 जुलाई को मुहर्रम के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर दी है और उस दिन राज्य सरकार के सभी कार्यालय बंद रहेंगे।
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राज्य में शिक्षक संगठन पहले से ही बिहार शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के कामकाज को लेकर हाल ही में जारी सख्त दिशा-निर्देशों वाले परिपत्रों से परेशान हैं।
टीईटी शिक्षक संघ ने पिछले हफ्ते राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि 11 जुलाई को पटना में अपनी मांग के समर्थन में शांतिपूर्ण आंदोलन में भाग लेने के लिए स्कूली शिक्षकों के खिलाफ असंवैधानिक और अवैध कार्रवाई की गई थी।
राज्य में शिक्षक की नौकरी पाने के इच्छुक बिहार के युवा, शिक्षक भर्ती से ‘डोमिसाइल’ (बिहार का निवासी होने का) की अनिवार्यता खत्म करने के नीतीश कुमार नीत महागठबंधन सरकार के हालिया फैसले का विरोध कर रहे हैं।