'लालू' के लाल ने खोई राजनीतिक प्रतिष्ठा को पाने के लिए बनाई 'तेज सेना'
बिहार में अपनी खिसक चुकी राजनीतिक जमीन को फिर से वापस पाने के लिए लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने 'तेज सेना' का गठन किया है। हालांकि इससे पहले उनके बनाए 'लालू-राबड़ी मोर्चा' ने लोकसभा चुनाव में अपनी ही पार्टी के लिए मुसीबतें बढ़ा दी थीं। पढ़े डाइनामइट न्यूज़ की खास खबर...
पटना: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) मुखिया लालू यादव के लाल तेज प्रताप यादव अपने अचानक लिए गए फैसलों से लगातार चौंकाते रहते हैं। इस बार अचानक उन्होंने पिता से मिलने के बाद तेज सेना का आज गठन किया है। हालांकि इससे पहले उनके द्वारा बनाए गए लालू-राबड़ी मोर्चा ने पार्टी के लिए ही मुसीबत खड़ी कर दी थी।
Join Tej Sena for change, an online platform for change makers. Launching on 28th June. pic.twitter.com/Y2ERUnkMsq
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) June 26, 2019
तेज सेना के गठन को लेकर तेज प्रताप यादव ने एक ट्वीट कर जानकारी दी थी। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि तेज सेना परिवर्तन लाने वालों के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफार्म होगी। उन्होंने इससे जुड़ने के लिए युवाओं से खास अपील की है।
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उनके इस नए मंच को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। राजनीतिक हलकों में अपनी पैठ रखने वाले सूत्र बताते हैं कि यह परिवार में अनबन का नतीजा है। इस सबके बावजूद वह लालू यादव की बातों को पूरा मान सम्मान देते हैं। ऐसे में क्या माना जा सकता है कि इस सेना के लिए लालू प्रसाद यादव ने भी हामी भरी होगी।
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हालांकि इस तरह के संगठन वह पहले भी बनाते रहे हैं। सेना नाम का संगठन वह पहले भी बना चुके हैं, तेज प्रताप ने इसके पहले 'यदुवंशी सेना' बनाई है, जिसके वे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
हालांकि उनकी नई तेज सेना क्या गुल खिलाएगी यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन इससे उनकी बिहार की खोई राजनीतिक जमीन वापस पाने की बेचैनी स्पष्ट दिखती है। साथ ही 'तेज सेना' के नाम से स्पष्ट होता है कि वह अब अपने नाम को लेकर राजनीति में आगे बढ़ना चाहते हैं।