मोदी कैबिनेट के 9 नये मंत्री कर चुके हैं कई कमाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में शामिल होने वाले नये चेहरे विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुये हैं, जिनकी अलग-अलग विषयों में खास विशेषज्ञता व पहचान है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये उन नये 9 मंत्रियों के बारे में, जिन्हें पीएम मोदी ने अपनी कैबिनेट में शामिल किया है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नई कैबिनेट में शामिल किये गये सांसदों व ब्यूरोक्रेट्स को काफी मंथन के बाद चुना है। मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले ये नये चेहरे काफी कमाल के हैं। जिन पर 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पीएम ने बड़ा दांव भी खेला है।
डाइनामाइट न्यूज़ की पड़ताल के मुताबिक कैबिनेट के ये नये चेहरे विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुये हैं, जिनकी अलग-अलग विषयों में खास विशेषज्ञता व पहचान है। सबसे बड़ी बात यह है कि सभी लोग काफी पढ़े-लिखे और प्रोफेशनल जीवन में काफी ऊचांईयों को प्राप्त कर चुके हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये इन नये 9 मंत्रियों के बारे में, जिन्हें पीएम मोदी ने अपनी कैबिनेट में शामिल किया है।
शिव प्रताप शुक्ल
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ल ग्रामीण विकास पर संसद की स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य हैं। यह लगातार चार बार 1989 से 1996 तक विधायक रहे। इसके अलावा यूपी सरकार में आठ साल तक कैबिनेट मंत्री रहे। 1970 में छात्र नेता के तौर पर राजनीति करियर की शुरुआत की। आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में भी रहे।
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सत्यपाल सिंह
सत्यपाल सिंह उत्तर प्रदेश के बागपत से लोकसभा सांसद हैं। वह आंतरिक मामलों पर बनी संसदीय स्थाई समिति के सदस्य हैं और ऑफिसेज ऑफ प्रॉफिट पर बनी जॉइंट कमिटी के चेयरपर्सन हैं। वह महाराष्ट्र कैडर से 1980 बैच के आईपीएस हैं। इन्हें 1990 के दौर में मध्यप्रदेश और आंध्र प्रदेश में नक्सली इलाकों में काम करने के लिए भारत सरकार की तरफ से 2008 में आंतरिक सुरक्षा सेवा मेडल से भी नवाजा गया है।
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राजकुमार सिंह
आरा, बिहार से लोकसभा सांसद राज कुमार सिंह संसद की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, पेंशन, जन शिकायत और कानून व न्याय संबंधी मामलों की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य हैं। वह बिहार कैडर से 1975 बैच के आईएएस हैं। वह भारत के गृह सचिव भी रह चुके हैं।
अश्विनी कुमार चौबे
बिहार के बक्सर से सांसद अश्विनी कुमार चौबे ऊर्जा पर बनी स्टैंडिंग कमेटी और संसदीय एस्टीमेट कमेटी के सदस्य हैं। यह बिहार विधानसभा में लगातार 5 बार विधायक रहे। 8 साल तक स्वास्थ्य, शहरी विकास और जनस्वास्थ्य, इंजिनियरिंग जैसे विभागों की जिम्मेदारी भी संभाली। पटना यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे और जेपी आंदोलन में भी सक्रिय रहे।
अनंत कुमार हेगड़े
अनंत कुमार हेगड़े कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ से सांसद हैं। हेगड़े एक्सटर्नल अफेयर और एचआरडी पर बनी संसद की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य हैं। हेगड़े पहली बार 28 साल की उम्र में सांसद बने थे। अपने संसदीय कार्यकाल में वह कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे हैं। इन समितियों में वित्त, गृह, मानव संसाधन, वाणिज्य कृषि और विदेश विभाग शामिल हैं।
गजेंद्र सिंह शेखावत
गजेंद्र सिंह शेखावत जोधपुर, राजस्थान से लोकसभा सांसद हैं। वह वित्त मामलों पर बनी संसदीय समिति के सदस्य हैं और फेलोशिप कमेटी के चेयरमैन हैं। खेलों के शौकीन शेखावत ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ स्पोर्ट्स के सदस्य हैं। इसके साथ ही वह बास्केटबॉल इंडिया प्लेयर्स असोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं।
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अलफोंस कन्ननथनम
अलफोंस कन्ननथनम केरल कैडर के 1979 बैच के आईएएस हैं। वह एक वकील भी हैं। डीडीए के कमिश्नर के तौर पर उन्होंने 15, 000 अवैध इमारतों का अतिक्रमण हटाया, जिसके बाद वह दिल्ली के डिमॉलिशन मैन के रूप में जाने जाते हैं। जिला कलेक्टर के रूप में उन्होंने भारत के पहले साक्षरता आंदोलन की पहल की और 1989 में कोयट्टम को भारत का पहला 100 प्रतिशत साक्षर टाउन बनाकर दिखाया।
वीरेंद्र कुमार
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से लोकसभा सांसद वीरेंद्र कुमार 6 बार लोकसभा सदस्य हैं। श्रम मामलों पर संसद की स्थायी समिति के चेयरमैन रह चुके हैं। लेबर एंड वेलफेयर और एससी-एसटी वेलफेयर कमिटी के भी सदस्य भी हैं। इन्होंने जेपी आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है। आपातकाल के दौरान मीसा के तहत 16 महीने के लिए जेल में बंद थे।
हरदीप सिंह पुरी
हरदीप सिंह पुरी 1974 बैच के पूर्व भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अधिकारी रह चुके हैं। पुरी को विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों का जानकार माना जाता है। हरदीप पुरी पूर्व में विकासशील देशों के रिसर्च एंड इंफोर्मेशन सिस्टम (आरआईएस) थिंक टैंक के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वह न्यूयॉर्क में अंतर्राष्ट्रीय शांति संस्थान (आईपीआई) के उपाध्यक्ष भी रहे हैं।