कैग ने वन्यजीव गलियारों पर इसरो की रिपोर्ट का संज्ञान नहीं लेने के लिए गुजरात की खिंचाई की

डीएन ब्यूरो

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने शनिवार को गुजरात विधानसभा में सदन के पटल पर रखी गई एक रिपोर्ट में कहा है कि राज्य के वन विभाग ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा किए एक वैज्ञानिक अध्ययन के निष्कर्षों पर संज्ञान नहीं लिया, जिसमें प्रदेश में संभावित वन्यजीव गलियारों में अधिवास की स्थितियों में सुधार करने की सिफारिश की गयी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक


अहमदाबाद (गुजरात):भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने शनिवार को गुजरात विधानसभा में सदन के पटल पर रखी गई एक रिपोर्ट में कहा है कि राज्य के वन विभाग ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा किए एक वैज्ञानिक अध्ययन के निष्कर्षों पर संज्ञान नहीं लिया, जिसमें प्रदेश में संभावित वन्यजीव गलियारों में अधिवास की स्थितियों में सुधार करने की सिफारिश की गयी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक कैग की ‘गुजरात में वन्यजीव अभयारण्य की सुरक्षा, संरक्षण और प्रबंधन की समीक्षा’ रिपोर्ट में कहा गया है कि इसरो ने 2014 और 2017 में किए अपने अध्ययन में 12 वन्यजीव गलियारों की पहचान की थी तथा संभावित गलियारों में वन्यजीवों के अधिवास की स्थितियों में सुधार पर सिफारिश के साथ इसे वन विभाग के साथ साझा किया था।

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उसने कहा कि वन विभाग ने सटीक गलियारों की पहचान करने के लिए न तो खुद कोई अध्ययन किया और न ही इसरो के अध्ययन के निष्कर्षों पर संज्ञान लिया।

इसमें कहा गया है, ‘‘ऑडिट में पाया गया है कि राष्ट्रीय वन आयोग की रिपोर्ट आने के 15 साल और कैग द्वारा उल्लेख किए जाने के बाद भी गुजरात ने अभी तक (नवंबर 2022) अपनी वन नीति तैयार नहीं की है।’’

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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राज्य में राष्ट्रीय वन नीति को उपयुक्त तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है।

 










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