जीडीए ने फर्जी नियुक्ति कर किया बड़ा घोटाला
कैग ने 206 कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति के मामले को लेकर जीडीए की भूमिका बड़े सवाल उठाये है।
गाजियाबाद: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में 206 कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति में भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने इस मामले को लेकर जीडीए की भूमिका पर भी बड़े सवाल उठाये है।
जीडीए ने शासन द्वारा ये पद सृजित न होने के बावजूद 206 कर्मचारियों की नियुक्ति कैसे की, यह एक बड़ा सवाल है। जीडीए की यह खामियां किसी बड़े घोटाले की और इशारा कर रही है, जिसका खुलासा पूरी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद हो सकता है।
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कैग टीम ने अपनी जांच के दौरान विभाग में हुई जिन नियुक्तियों पर सवाल खड़े हुए हैं उनमें बड़े पदों समेत केयर टेकर, विधि सहायक, असिस्टेंट अकाउंटेंट, लिपिक व स्टेनो आदि पद शामिल हैं।जीडीए के लेन-देन और कामकाज की जांच के दौरान कैग टीम ने नियुक्ति को सवालों को घेरे में खड़ा किया है।
इसके अलावा कैग ने जीडीए को कई अन्य अनियमितताओं का भी दोषी पाया है जिसमे सरकारी जमीनों का पुनर्ग्रहण कर कौड़ियों के भाव में बिल्डरों को देने, ग्रीन बेल्ट की जमीन का भू-उपयोग बदलने, इंटीग्रेटिड टाउनशिप बसाने वाले बिल्डरों पर लेवी चार्ज न लगाने व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के लिए जमीन दिलाने के एवज में प्रशासनिक शुल्क न लेने के मामले भी शामिल है।
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कैग द्वारा अभी अपनी फाइनल रिपोर्ट बनायी जानी बाकी है। इस रिपोर्ट में कई और खामियां सामने आ सकती है जीडीए के एक बड़े घोटाले को सामने लाएगी।