मणिपुर वसूली मामले में सीबीआई ने निलंबित एनआईए एसपी के परिसरों पर छापे मारे
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के एक निलंबित पुलिस अधीक्षक (एसपी) के परिसरों पर तलाशी ली। अधिकारी के खिलाफ मणिपुर के व्यवसायियों से 60 लाख रुपये से अधिक की जबरन वसूली के मामले में हाल ही में मामला दर्ज किया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के एक निलंबित पुलिस अधीक्षक (एसपी) के परिसरों पर तलाशी ली। अधिकारी के खिलाफ मणिपुर के व्यवसायियों से 60 लाख रुपये से अधिक की जबरन वसूली के मामले में हाल ही में मामला दर्ज किया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सीबीआई ने एनआईए के एसपी विशाल गर्ग और इम्फाल में तैनात इंस्पेक्टर राजीव खान के खिलाफ मणिपुर के निवासियों को एनआईए के झूठे मामलों में फंसाने की ‘धमकी’ देकर कथित रूप से ‘बड़े पैमाने पर धन’ उगाही करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी।
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने हरियाणा के फरीदाबाद में गर्ग और मणिपुर के इम्फाल में खान के आवास सहित तीन स्थानों पर छापे मारे और आपत्तिजनक रिकॉर्ड जब्त किए।
सीबीआई उन लोगों को भी नोटिस जारी करेगी, जिन्हें कथित तौर पर इन अधिकारियों को पैसे देने के लिए मजबूर किया गया था।
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सीबीआई ने आतंकवाद-रोधी एजेंसी एनआईए के एक संदर्भ के बाद मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। एनआईए ने इन अधिकारियों के खिलाफ आंतरिक जांच की थी और पाया था कि खान कथित रूप से गर्ग की ओर से धन उगाही कर रहे थे।
एनआईए की आंतरिक जांच से पता चला था कि गर्ग पिछले साल नौ मार्च को दर्ज एक प्राथमिकी की जांच की निगरानी कर रहे थे, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आतंकवादी संगठन कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी, यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट और पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेपाक के सदस्य मणिपुर में धन उगाही कर रहे थे।
इन समूहों को गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित किया गया है। एनआईए ने यह मामला इंस्पेक्टर तुषार बिष्ट को सौंपा था।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘जांच से खुलासा हुआ कि विशाल गर्ग एनआईए की इम्फाल शाखा के तत्कालीन एसपी और पहले पर्यवेक्षण अधिकारी थे और उनके निर्देश पर राजीव खान उक्त मामले की जांच में सहायता कर रहे थे।'
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रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच से गर्ग और खान के वसूली के ‘तरीके’ का पता चला है, जिसके अनुसार कुछ कारोबारियों और पेशेवरों को जांच के लिए बुलाया गया था और गर्ग की उपस्थिति में उन्हें एनआईए के झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी गयी थी। रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से अधिकतर को बगैर कानूनी नोटिस दिये बुलाया गया था।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘खान ने तत्कालीन एसपी गर्ग के कहने पर 2022 में मई से अगस्त तक इनाओचा ताखेलमबम से 10 लाख रुपये, एन मोमन सिंह से 20 लाख रुपये और लैशराम हेमंत सिंह से 30 लाख रुपये की उगाही की थी। ये सभी इम्फाल के निवासी थे।’’
एनआईए ने सीबीआई को दी अपनी शिकायत में कहा है कि जांच में अन्य लोगों और गवाहों को धमकाने तथा उनसे व्यापक धन उगाही की आशंका भी जताई गई है।