सीबीआईसी कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए संगठनात्मक पुनर्गठन पर कर रही है विचार
सीबीआईसी छह दशक पहले स्थापित संगठन के व्यापक पुनर्गठन पर विचार कर रही है। एक अधिकारी ने बताया कि नयी प्रौद्योगिकी की आने, सेवा कर खत्म होने और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद संगठन के कार्यों में कई तरह के बदलाव हुए हैं। ऐसे में कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए संगठनात्मक पुनर्गठन जरूरी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: सीबीआईसी छह दशक पहले स्थापित संगठन के व्यापक पुनर्गठन पर विचार कर रही है। एक अधिकारी ने बताया कि नयी प्रौद्योगिकी की आने, सेवा कर खत्म होने और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद संगठन के कार्यों में कई तरह के बदलाव हुए हैं। ऐसे में कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए संगठनात्मक पुनर्गठन जरूरी है।
पूर्व में केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड के नाम से प्रसिद्ध केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की स्थापना 1964 में की गई थी।
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पिछली बार 2014 में संगठन का पुनर्गठन किया गया था, जिसके तहत 23 केंद्रीय उत्पाद शुल्क क्षेत्र, चार सेवा कर क्षेत्र, 11 सीमा शुल्क क्षेत्र, 60 अपील आयुक्तालय, 45 ऑडिट आयुक्तालय, आठ बड़ी करदाता इकाइयां और 20 महानिदेशालय/निदेशालय को स्थापित करने की मंजूरी दी गई थी।
अधिकारी ने कहा कि बड़े डेटा विश्लेषण के व्यापक उपयोग, सीमा शुल्क में प्रत्यक्ष उपस्थित हुए बिना मूल्यांकन की शुरुआत और विभिन्न दस्तावेजों की इलेक्ट्रॉनिक रूप से जमा करने, दावों और करों के भुगतान ने इस संगठनात्मक पुनर्गठन को जरूरत बना दिया है।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारी ने कहा, “संगठन को बदलते समय और करदाताओं की जरूरतों के अनुरूप अधिक लचीला और अनुकूल बनाने के लिए इसके समग्र पुनर्गठन की जरूरत है।”
इस संबंध में प्रतिक्रिया मांगने के लिए सीबीआईसी को ईमेल भेजा गया, जिसका खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला।