Chhath Puja 2019: लोक आस्था का महापर्व छठ

डीएन ब्यूरो

नहाय-खाय के साथ आरंभ हुए लोकआस्था के इस चार दिवसीय महापर्व की शुरूआत कब से हुई इसका कहीं प्रमाणित पक्ष नहीं मिलता।

फाइल फोटो
फाइल फोटो


प्रयागराज: नहाय-खाय के साथ आरंभ हुए लोकआस्था के इस चार दिवसीय महापर्व की शुरूआत कब से हुई इसका कहीं प्रमाणित पक्ष नहीं मिलता। ऋगवेद में इसका वर्णन मिलता है। इसे लेकर कई कथाएं मौजूद हैं।  एक कथा के अनुसार, महाभारत काल में जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत किया। 

यह भी पढ़ें | UttarPradesh: महिलाओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर की पति और पुत्र की दीर्घायु की कामना

यह भी पढ़ें: गुरु नानक की 550 जयंती पर ‘द स्क्रिप्ट आफ लाइफ’ अभियान प्रारंभ 

इससे उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हुईं तथा पांडवों को राजपाट वापस मिल गया। इसके अलावा छठ महापर्व का उल्लेख रामायण काल में भी मिलता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार, छठ या सूर्य पूजा महाभारत काल से की जाती है। कहते हैं कि छठ पूजा की शुरुआत सूर्य पुत्र कर्ण ने की थी। कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे। वे प्रतिदिन घंटों कमर तक पानी में खड़े रहकर सूर्य को अर्घ्य देते थे। सूर्य की कृपा से ही वे महान योद्धा बने थे। (वार्ता)

यह भी पढ़ें | बिहार में सूर्योपासना का महापर्व छठ समाप्त










संबंधित समाचार