छत्तीसगढ़: शहीद जवान के शव को कंधा देते हुए आंख नम हुईं ,सीएम बघेल ने कहा बेकार नहीं जाएगी शहादत
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हुए सुरक्षाबल के 10 जवानों और वाहन चालक को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हुए सुरक्षाबल के 10 जवानों और वाहन चालक को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि दी।
श्रद्धांजलि के दौरान शहीद पुलिस जवानों और वाहन चालक के रोते-बिलखते परिजनों ने भारत माता की जय के नारे के साथ शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद बघेल ने कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा तथा नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई को और तेज किया जाएगा।
नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर क्षेत्र में बुधवार को नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के काफिले में शामिल एक वाहन को विस्फोट से उड़ा दिया था। इस घटना में जिला रिजर्व गार्ड के दस जवान और एक वाहन चालक की मृत्यु हो गई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय के पुलिस लाइन करली में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
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पुलिस लाइन में मुख्यमंत्री, राज्य के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, सांसद दीपक बैज, फूलोदेवी नेताम तथ अन्य नेताओं ने शहीद जवानों के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किया।
इस दौरान बघेल ने वहां मौजूद शहीद जवानों के परिजनों से भी मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया।
श्रद्धांजलि के बाद मुख्यमंत्री ने एक शहीद जवान के पार्थिव शरीर को कंधा दिया। जवानों के पार्थिव शरीर शव वाहन से उनके निवास स्थान के लिए भेजे जा रहे हैं जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पुलिस लाइन में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बघेल ने कहा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी तथा नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई और तेज की जाएगी।
बघेल ने कहा, ''हमारे जवान नक्सलियों को उनके प्रभाव वाले क्षेत्रों में कड़ी टक्कर दे रहे हैं। पिछले चार साल में नक्सलियों के कोर एरिया में 75 कैंप लगाए गए हैं जबकि पहले के कैंप बफर एरिया में लगाए गए थे। अब जगरगुंडा (सुकमा जिला) जाने के लिए सुकमा (जिला मुख्यालय) जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि अरनपुर (दंतेवाड़ा) और भैरमगढ़ (बीजापुर) से वहां तक पहुंचने के लिए सड़कें बन चुकी हैं। पुवर्ती (बीजापुर जिले में) जिसे हिडमा (खूंखार माओवादी कमांडर) का मुख्यालय कहा जाता है, को चारों तरफ से (सुरक्षा बलों के शिविरों द्वारा) घेर लिया गया है।''
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उन्होंने कहा, ''बस्तर संभाग के अंदरूनी इलाकों में सड़कें बनाई जा रही हैं और पुलिस शिविर स्थापित किए जा रहे हैं। सरकार पर लोगों का विश्वास बढ़ा है। नक्सलियों को बैकफुट पर धकेल दिया गया है और ऐसा हमला दो साल के अंतराल के बाद हुआ है, जिसे नक्सलियों ने निराशा में अंजाम दिया है।''
माओवादी गतिविधियों को रोकने के सरकारी दावों के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा, ''पहले जवानों पर उनके शिविरों में हमले किए गए थे, लेकिन अब जंगल में तलाशी अभियान के दौरान नक्सलियों से मुठभेड़ हो रही है। अब हमारे जवान शिविर में जान नहीं गंवाते।''
उन्होंने कहा कि नक्सली गर्मियों के दौरान हमला करते हैं जब जंगल में दूर तक देखा जा सकता है, क्योंकि पत्तियां और घास सूख जाती हैं।
भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर और अन्य नेताओं ने भी शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान शहीद पुलिस जवानों के परिवार की महिलाएं और बच्चे रो रहे थे जिन्हें महिला सुरक्षाकर्मी सांत्वना देने का प्रयास कर रही थीं।