नक्सली विस्फोट में 11 की मौत के बाद बस्तर के सभी जिले अलर्ट ,नक्सल विरोधी अभियान तेज, जानिए पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को बारूदी सुरंग विस्फोट में सुरक्षाबल के 10 जवानों समेत 11 लोगों की मौत की घटना के बाद राज्य के बस्तर संभाग के सभी सात जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

बस्तर के सभी जिले अलर्ट
बस्तर के सभी जिले अलर्ट


दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को बारूदी सुरंग विस्फोट में सुरक्षाबल के 10 जवानों समेत 11 लोगों की मौत की घटना के बाद राज्य के बस्तर संभाग के सभी सात जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। 

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों से कहा गया है कि वाहनों का इस्तेमाल करने के दौरान सतर्क रहें और नक्सलियों द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंगों का पता लगाएं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि दंतेवाड़ा में हुए हमले को देखते हुए क्षेत्र के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

बस्तर संभाग में कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले शामिल हैं।

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गर्मियों के दौरान मार्च से जून माह के मध्य तक नक्सली टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चलाते हैं और बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश करते हैं। पूर्व में भी इस अवधि में सुरक्षा बलों पर कई हमले किए गए हैं।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों से कहा गया है कि वे इस दौरान सतर्क रहें और नक्सल विरोधी अभियान तेज करें।

उन्होंने बताया कि दंतेवाड़ा के पुलिस लाइन में सुबह 11 बजे शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस दौरान, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद रहेंगे।

शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थानों के लिए रवाना किया जाएगा।

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दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने बुधवार दोपहर सुरक्षा बलों के काफिले में शामिल एक वाहन को विस्फोट से उड़ा दिया था। इस घटना में 10 पुलिसकर्मी और एक वाहन चालक की मौत हो गई थी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस हमले में शहीद जवान जिला रिजर्व गार्ड (राज्य पुलिस की एक नक्सल विरोधी इकाई) के सदस्य थे। शहीद जवानों में से आठ दंतेवाड़ा जिले के निवासी थे, जबकि एक-एक पड़ोसी जिला सुकमा और बीजापुर के रहने वाले थे।

उन्होंने बताया कि शहीद जवानों में से कुछ नक्सलवाद छोड़ने के बाद सुरक्षाबल में शामिल हुए थे।

बस्तर क्षेत्र के ज्यादातर युवाओं को डीआरजी में भर्ती किया गया है। यह दल नक्सलियों से लड़ने में माहिर माना जाता है। इस दल में आत्मसमर्पण करने वाले कुछ नक्सली भी शामिल हैं।










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