सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के लिए 'तटस्थ उद्धरण' शुरू करने का किया ऐलान
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने बृहस्पतिवार को ‘तटस्थ उद्धरण’ शुरू करने की घोषणा की, जो उच्चतम न्यायालय के फैसलों का हवाला देने के लिए एक समान पद्धति सुनिश्चित करेगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने बृहस्पतिवार को ‘तटस्थ उद्धरण’ शुरू करने की घोषणा की, जो उच्चतम न्यायालय के फैसलों का हवाला देने के लिए एक समान पद्धति सुनिश्चित करेगा।
न्यायालय ने पहले कहा था कि शीर्ष अदालत के फैसलों की पहचान करने और उनका हवाला देने के लिए एक समान, विश्वसनीय और सुरक्षित कार्यप्रणाली की शुरुआत और कार्यान्वयन के वास्ते कदम उठाए गए हैं, जिसे 'तटस्थ उद्धरण प्रणाली' की संज्ञा दी जाएगी और यह प्रणाली उच्चतम न्यायालय के सभी फैसलों का हवाला देने के लिए एक समान पद्धति सुनिश्चित करेगी।
सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ बृहस्पतिवार को तत्काल सुनवाई वाले मामलों पर विचार के लिए इकट्ठी हुई तो न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने घोषणा की कि शीर्ष अदालत के सभी निर्णयों में तटस्थ उद्धरण होंगे।
सीजेआई ने कहा, ‘‘हमने तटस्थ उद्धरण की व्यवस्था शुरू की है। इस अदालत के सभी निर्णयों में तटस्थ उद्धरण होंगे।’’ उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के लगभग 30,000 फैसलों में तटस्थ उद्धरण होंगे।
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उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि उच्च न्यायालय भी इसका अनुसरण करेंगे।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि शीर्ष अदालत ‘मशीन लर्निंग टूल्स’ का भी इस्तेमाल कर रही है, जो उसके फैसलों को अंग्रेजी से भारतीय भाषाओं में अनूदित करेगा।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अब तक 2900 फैसलों का अनुवाद हिन्दी में किया जा चुका है।’’ उन्होंने कहा कि कभी-कभी तकनीकी का इस्तेमाल करके अनुवाद कठिन हो सकता है।’’
उन्होंने कहा कि निर्णयों के अनूदित संस्करणों की जांच की प्रक्रिया में सहायता के लिए जिला न्यायाधीशों और कानून शोधकर्ताओं की एक टीम है।
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सीजेआई ने इलेक्ट्रॉनिक सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट्स (ई-एससीआर) परियोजना के बारे में भी बात की, जिसका उद्देश्य वकीलों, कानून के छात्रों और आम जनता को लगभग 34,000 निर्णयों तक मुफ्त पहुंच प्रदान करना है।
इस साल दो जनवरी को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने ई-एससीआर परियोजना शुरू करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि शीर्ष अदालत तटस्थ उद्धरण भी पेश करेगी, उन्होंने कहा कि दिल्ली और केरल उच्च न्यायालयों में पहले से ही यह व्यवस्था है।