जीएसटी को ईडी से संबद्ध करने पर सीएम केजरीवाल का बड़ा बयान, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से संबद्ध किए जाने से, कर चुकाने वाले कारोबारियों को भी संघीय एजेंसी गिरफ्तार कर सकती है। तमिलनाडु के वित्त मंत्री ने भी इसका विरोध किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल


नयी दिल्ली:  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से संबद्ध किए जाने से, कर चुकाने वाले कारोबारियों को भी संघीय एजेंसी गिरफ्तार कर सकती है। तमिलनाडु के वित्त मंत्री ने भी इसका विरोध किया है।

दिल्ली सरकार के एक बयान में कहा गया है कि दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भी जीएसटी परिषद में केंद्र सरकार के इस कदम का विरोध किया।

केंद्र ने ईडी को जीएसटी नेटवर्क के साथ जानकारी साझा करने की अनुमति देने के लिए धनशोधन निवारण कानून के प्रावधानों में संशोधन किया है। इस कदम से धनशोधन के जरिए चोरी की गई जीएसटी की वसूली में मदद मिलेगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ व्यापारियों का एक बहुत बड़ा वर्ग जीएसटी नहीं देता। कुछ मजबूरी में, कुछ जानबूझकर। केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले जीएसटी को भी ईडी के दायरे में शामिल कर दिया। यानी अब अगर कोई व्यापारी जीएसटी नहीं देता तो ईडी उसे सीधे गिरफ्तार करेगी और जमानत भी नहीं मिलेगी। जीएसटी प्रणाली इतनी जटिल है कि जो लोग पूरा जीएसटी भी दे रहे हैं, उन्हें भी किसी प्रावधान में फंसाकर जेल में डाला जा सकता है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘यानी देश के किसी भी व्यापारी को केंद्र सरकार जब चाहे, जेल भेज देगी। यह बेहद खतरनाक है। व्यापारी व्यापार करने की बजाय अपने को बस ईडी से बचाता फिरेगा। देश के छोटे-छोटे व्यापारी भी इसकी चपेट में आ जाएंगे। कोई व्यापारी नहीं बचेगा। यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ हम इसका कड़ा विरोध करते हैं और देश के व्यापारियों के साथ हैं।’’

केंद्र सरकार ने हाल ही में धन शोधन कानून के प्रावधानों में संशोधन करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के साथ सूचना साझा करने की अनुमति दे दी है।

इस कदम से धन शोधन के जरिए की गई माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी की वसूली में मदद मिलेगी। जीएसटीएन अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की प्रौद्योगिकी को संभालता है और रिटर्न, कर दाखिल करने के ब्योरे व अन्य अनुपालन सहित जीएसटी से संबंधित सभी सूचनाओं को रखता है।

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धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों में संशोधन के अनुसार, जीएसटीएन को उन इकाइयों की सूची में शामिल किया गया है जिनके साथ ईडी सूचना साझा करेगा।

दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि नई व्यवस्था व्यापारियों को परेशान करने और उनके कारोबार को तबाह करने को लेकर भाजपा का सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि समय पर जीएसटी चुकाने वाले व्यापारी भी इससे प्रभावित होंगे और यह आदेश देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है।

तमिलनाडु सरकार ने भी मंगलवार को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को धनशोधन निवारण अधिनियम के दायरे में शामिल करने का विरोध करते हुए कहा कि यह देश भर के व्यापारियों के हित के खिलाफ है और इससे छोटे व्यापारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित वस्तु एवं सेवा कर परिषद की 50वीं बैठक में इस मुद्दे को उठाते हुए तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगम थेनारासु ने कहा कि इस समावेशन के कारण कई व्यवसायों के प्रभावित होने की आशंका है।










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