आईटीबीपी अधिकारी के पुत्र की गोलीबारी में कान्स्टेबल की मौत
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के छावला इलाके स्थित भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के शिविर में तैनात 36 वर्षीय एक कांस्टेबल की बुधवार को बल के उसी परिसर में रहने वाले एक अधिकारी के बेटे द्वारा कथित रूप से चलाई गयी गोलियों से मौत हो गई। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी।
नई दिल्ली: दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के छावला इलाके स्थित भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के शिविर में तैनात 36 वर्षीय एक कांस्टेबल की बुधवार को बल के उसी परिसर में रहने वाले एक अधिकारी के बेटे द्वारा कथित रूप से चलाई गयी गोलियों से मौत हो गई। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी।
घटना की सूचना शिविर के पारिवारिक क्वार्टर से दोपहर करीब एक बजे मिली।
पुलिस उपायुक्त (द्वारका) एम. हर्षवर्धन ने कहा कि यह पाया गया कि कॉन्स्टेबल भूप सिंह मीणा की आईटीबीपी के 2आईसी रैंक के एक अधिकारी के घर में अधिकारी के बेटे ने गोली मारकर हत्या कर दी।
छावला पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और आर्म्स एक्ट के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।
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डीसीपी ने कहा कि फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से सबूत एकत्र किए हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी की पहचान दिग्विजय (32) के रूप में की गई है जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
डीसीपी ने कहा कि निजी लाइसेंसी हथियार अधिकारी के नाम पर है और आरोपी बेरोजगार है। डीसीपी ने कहा, ‘‘हमें संदेह है कि पांच गोलियां चलायी गईं। मकसद की जांच की जा रही है।’’
आईटीबीपी के अधिकारियों ने कहा कि कांस्टेबल मीणा रसोइया के रूप में काम करता था और छावला परिसर में तैनात था। उन्होंने कहा कि उसके परिवार में उसकी पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं।
आईटीबीपी के अधिकारियों ने कहा कि गोलीबारी के सही कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय बल द्वारा ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ (सीओआई) का आदेश दे दिया गया है।
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उन्होंने कहा कि आरोपी द्वारा इस्तेमाल किया गया निजी हथियार उसके पिता, आईटीबीपी के सेकेंड-इन-कमांड रैंक के अधिकारी लोक पाल सिंह के नाम पर था।
लगभग 90,000 कर्मियों वाले आईटीबीपी को मुख्य रूप से चीन के साथ लगती 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा के लिए तैनात किया गया है। हालांकि बल देश के आंतरिक सुरक्षा संबंधी विभिन्न प्रकार के कर्तव्यों का भी निर्वहन भी करता है।