राज्यसभा के सभापति, लोकसभा अध्यक्ष की नकल उतारना अस्वीकार्य

डीएन ब्यूरो

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन के दौरान एक लोकसभा सदस्य की ओर से उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष की कथित तौर पर नकल उतारे जाने की घटना पर मंगलवार को गहरी आपत्ति जताते हुए इसे अस्वीकार्य करार दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़


नयी दिल्ली: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन के दौरान एक लोकसभा सदस्य की ओर से उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष की कथित तौर पर नकल उतारे जाने की घटना पर मंगलवार को गहरी आपत्ति जताते हुए इसे अस्वीकार्य करार दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार संसद के दोनों सदनों से 90 से अधिक विपक्षी सदस्यों के निलंबन पर विरोध जताते हुए विपक्ष के सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया और सदन की ‘मॉक कार्यवाही’ का आयोजन किया।

निलंबित सांसदों ने संसद के नए भवन के मकर द्वार पर धरना दिया। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा के सभापति और लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा, सदनों की कार्यवाही का संचालन किए जाने की नकल उतारी। मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी खड़े थे और वह बनर्जी द्वारा कार्यवाही के संचालन की नकल किए जाने का मोबाइल फोन से वीडियो बनाते देखे गए।

इससे पहले संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष विपक्षी सदस्यों ने प्रदर्शन किया जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार भी शामिल हुए।

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एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो सभापति धनखड़ ने इस घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस प्रकार का ‘असंसदीय’ आचरण अस्वीकार्य है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कुछ देर पहले एक टीवी चैनल पर देखा... गिरावट की कोई हद नहीं है... एक बड़े नेता, एक सांसद के असंसदीय आचरण का वीडियो बना रहे थे... आपसे भी बहुत बड़े नेता हैं... मैं तो यही कह सकता हूं कि उन्हें सद्बुद्धि आए... कुछ तो सीमा होती होगी... कुछ जगह तो बख्शो।’’

जब एक सदस्य ने इस बारे में विस्तार से जानना चाहा तो धनखड़ ने कहा कि राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष का कार्यालय बहुत अलग है वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दलों के बीच आपसी टीका-टिप्पणी होती ही रहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कल्पना करिए, आपकी पार्टी का एक बड़ा नेता... वरिष्ठ नेता... एक दूसरी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य की वीडियोग्राफी कर रहा है। राज्यसभा के सभापति की मिमिक्री (नकल) कर रहा है, लोकसभा अध्यक्ष की मिमिक्री कर रहा है। कितनी गलत बात है... कितनी शर्मिंदगी भरी बात है। यह अस्वीकार्य है।’’

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इसी दौरान समाजवादी पार्टी की जया बच्चन ने कहा कि सदस्य सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए दूर से आते हैं लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है। धनखड़ ने उन्हें अपने स्थान पर बैठ जाने को कहा।

कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कुछ कहने का प्रयास किया। इस दौरान कुछ अन्य विपक्षी सदस्य संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे थे।

धनखड़ ने इसके बाद सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले, संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान और सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग पर राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने 11 बजे कार्यवाही शुरू होने पर हंगामा किया जिस वजह से उच्च सदन की बैठक पहले 12 बजे तक के लिए और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।










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