जयललिता की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक जांच पर लगाई रोक
जयललिता की मौत के मामले की न्यायिक आयोग की जांच की कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। एआईएडीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने 5 दिसंबर 2016 को अपोलो अस्पताल में जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों की जांच के लिए आयोग गठित किया था।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक नेता जयललिता की मौत के मामले में जस्टिस अरुमुगासामी कमेटी की जांच कार्यवाही पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपोलो अस्पताल की याचिका पर यह आदेश जारी किया है। बेंच में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के अलावा न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल थे।
Supreme Court stays Justice Arumugasamy Inquiry Committee's probe into death of former Tamil Nadu CM and AIADMK leader J Jayalalithaa. (file pic) pic.twitter.com/MQH9LVaAYl
— ANI (@ANI) April 26, 2019
चेन्नई के अपोलो अस्पताल में दिसंबर, 2016 में जयललिता की मृत्यु हो गई थी। मृत्यु के कारणों की जांच के लिए तमिलनाडु सरकार ने इस न्यायिक आयोग का गठन किया था। हालांकि 4 अप्रैल को मद्रास हाईकोर्ट ने इसी याचिका को खारिज कर दिया था। लेकिन अपोलो अस्पताल ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई आज थी।
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अपोलो अस्पताल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि न्यायिक जांच पर रोक लगाने की गुजारिश की गई थी। साथ ही अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों को आयोग के समक्ष उपस्थित होने से छूट देने की भी मांग की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आज तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी करते हुए न्यायिक जांच पर रोक लगा दी है।
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गौरतलब है कि जयललिता को 22 सितंबर 2016 को चेन्नई के अपोलो अस्पताल भर्ती कराया गया था। जहां उनका 75 दिनों तक उपचार हुआ था लेकिन 5 दिसंबर 2016 को उनकी मौत हो गई थी।