आतंकवाद के मामले के दो आरोपियों की जमानत अर्जियों पर कोर्ट ने एनआईए से पूछी ये बातें

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने देश में आतंकवादी कृत्य की कथित साजिश के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये दो व्यक्तियों की जमानत अर्जियों पर बुधवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) का रूख जानना चाहा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली उच्च न्यायालय
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नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने देश में आतंकवादी कृत्य की कथित साजिश के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये दो व्यक्तियों की जमानत अर्जियों पर बुधवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) का रूख जानना चाहा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने हरीश निसार लांगू और ज़मीन आदिल भट की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया। इन दोनों ने इस साल के प्रारंभ में उन्हें निचली अदालत से जमानत नहीं मिलने को चुनौती दी थी। उन्हें अक्टूबर, 2021 में गिरफ्तार किया गया था।

याचिकाकर्ताओं की वकील तारा नरूला ने कहा, ‘‘ दोनों अर्जियां एनआईए अदालत से जमानत खारिज होने के विरूद्ध अपील हैं।’’

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एनआईए ने भादंसं, अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत 10 अक्टूबर, 2021 को प्राथमिकी दर्ज की थी क्योंकि केंद्र ने उसे जांच करने का निर्देश दिया था। उससे पहले सरकार को ‘ठोस सूचना मिली थी कि जम्मू कश्मीर में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं और उन्हें पाकिस्तान से शह मिल रही है तथा वे जम्मू कश्मीर, नयी दिल्ली एवं देश के बड़े शहरों में हिंसक आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भौतिक रूप से एवं इंटरनेट के जरिए साजिश रच रहे हैं।

अपनी याचिकाओं में लांगू (23) और भट्ट (25) ने कहा कि वे श्रीनगर में एक स्थानीय रेस्तरां पर अंशकालिक ‘डिलीवरी ब्वाय’ का काम करते थे और उनके पास से ऐसा कोई अभियोजनयोग्य सामग्री नहीं मिली जिससे पता चलता हो कि वे किसी प्रतिबंधित संगठन का हिस्सा हैं या आतंकवादी संगठनों की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।

याचिकाओं में यह भी कहा गया है कि इस मामले में प्राथमिकी अस्पष्ट है और याचिकाकर्ताओं के नाम भी उसमें नहीं हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि जमानत नामंजूर करने वाला निचली अदालत का तीन मार्च का आदेश दरकिनार किया जाए।

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अप्रैल, 2022 में एनआई ने यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था जिनमें देश के विरूद्ध युद्ध छेड़ना, आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रचना एवं उन्हें अंजाम तक ले जाना शामिल हैं।

एआईए के अनुसार आतंकवाद की साजिश को लेकर जम्मू कश्मीर के छह जिलों में विभिन्न तलाशियों के दौरान 22 अक्टूबर, 2021 को विभिन्न आतंकवादी संगठनों के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।

इस मामले में अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।










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