कर्ज में डूबे किसान का छलका दर्द, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, मदद न मिलने पर आत्महत्या की चेतावनी

डीएन ब्यूरो

महाराष्ट्र के हिंगोली में करीब 20 लाख रुपये के कर्ज में डूबे एक किसान ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर अपनी फसल के नुकसान का मुआवजा मांगा और कहा है कि अगर उसे मुआवजा नहीं मिला तो उसके पास आत्महत्या करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा।पढ़िये डाइनमाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री
एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री


औरंगाबाद: महाराष्ट्र के हिंगोली में करीब 20 लाख रुपये के कर्ज में डूबे एक किसान ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर अपनी फसल के नुकसान का मुआवजा मांगा और कहा है कि अगर उसे मुआवजा नहीं मिला तो उसके पास आत्महत्या करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा।

हिंगोली के सेनगांव तालुका के सपतगांव के रहने वाले गजानन नारायण अवचार ने 23 जुलाई को मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा कि उनके पास एक हेक्टेयर भूमि पर अनार के बागान हैं।

किसान ने दावा किया कि वह कोविड-19 महामारी के बाद से किसी भी बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाया है और दो साल से फसल संक्रमित होने के कारण उसका नुकसान बढ़ कर 50 लाख रुपये तक हो गया है।

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यह पत्र 24 जुलाई को मुख्यमंत्री सचिवालय को सौंपा गया। पत्र में अवचार ने दावा किया कि उसके पास अपने पांच सदस्यों वाले परिवार का भरण-पोषण करने के लिए कमाई का कोई साधन नहीं है, उस पर एक बैंक का लगभग पांच लाख रुपये और दूसरे वित्तीय संस्थान का 15 लाख रुपये का कर्ज है।

किसान ने यह भी दावा किया कि उसे बैंक से नोटिस मिल रहे हैं और कर्ज नहीं चुका पाने के कारण उसे मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने पत्र में कहा ‘‘सरकार मुआवजा दे, नहीं तो मेरे पास आत्महत्या के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।’’

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