Valley of Flowers: उत्तराखंड में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खोली गई, जानिये जरूरी नियम
देवभूमि उत्तराखंड में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी को आज से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। कोरोना महामारी के मद्देजनर फूलों की घाटी जाने वाले पर्यटकों के लिये कुछ नियमों का पालन जरूरू है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी को आज से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। कोरोना संक्रमण के केस कम होते देख और अधिकारियों द्वारा फूलों की घाटी का जायजा लेने के बाद फूलों की घाटी को खोलने का निर्णय लिया गया है। पिछले साल अगस्त माह में घाटी को खोला गया था। फूलों की घाटी जाने वाले पर्यटकों के लिये कोविड-19 के तहत जारी एसओपी का पालन अनिवार्य कर दिया गया है।
घाटी में घूमने आने वाले इच्छुक पर्यटकों को कोरोना की निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट जमा करनी होगी और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। विभिन्न राज्यों से आने वाले पर्यटकों को कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। इसके साथ ही कोरोना के तहत जारी एसओपी का पालन अनिवार्य है।
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केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि आज सरकार से प्राप्त गाइडलाइंस के चलते वैली ऑफ फ्लावर को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। उन्होंने बताया कि इस मौसम में फूलों की 50 प्रजातियां मिली हैं। इस साल घाटी को एक महीने पहले ही खोला जा रहा है।
घाटी में जाने वाले पैदल रास्ते और पुलिया की मरम्मत की जा चुकी है। साथ ही पौलीगोनम घास को उखाड़ने का काम भी इन दिनों चल रहा है। घाटी को सैलानियों के लिए खोलने की पूरी तैयारी कर ली गई है। घांघरिया चौकी से वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती हरी झंडी दिखाकर घाटी में सैलानियों के जाने की शुरुआत करेंगे।
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बता दें कि फूलों की घाटी उत्तराखंड के जनपद चमोली में स्थित है। विश्व संगठन, यूनेस्को द्वारा फूलों की घाटी को सन् 1982 में घोषित विश्व धरोहर घोषित किया गया। यह नन्दा देवी अभयारण्य नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का एक भाग है। हिमालय क्षेत्र पिंडर घाटी अथवा पिंडर वैली के नाम से भी जाना जाता है। यहां दुनिया भर के फूलों की कई प्रजातियां पाई जाती है और हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।