Budget Session 2021: देखिये आज क्या होगा संसद में? किसानों के आंदोलन पर क्या करेंगे विपक्षी दल?
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के व्यापक आंदोलन के बीच आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के व्यापक आंदोलन के बीच आज से संसद का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। किसान आंदोलन समेत बीती रात गाजीपुर बॉर्डर पर चले किसान-पुलिस के हाई बोल्टेज ड्रामे का असर बजट सत्र में भी देखने को मिलेगा। सभी विपक्षी दल संसद में मोदी सरकार को घेरने की तैयारियों में है। कांग्रेस समेत देश की 16 विपक्षी राजनैतिक पार्टियों ने पहली बार राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। इन सबसे बीच बजट सत्र के काफी हंगामेदार होने के आसार है।
बजट सत्र शुरू होने से ठीक पहले नये कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों ने कल गुरूवार को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का भी बहिष्कार करने का ऐलान किया था। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसके लिये सभी पार्टियों को बकायदा एक नोटिफिकेश भी भेजा, जिसमें किसानों के मुद्दों को लेकर संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने की अपील की गयी है।
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संसदीय परंपरा के अनुसार संसद सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होती है। बजट सत्र की शुरूआत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे लेकिन इस बार विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
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बजट सत्र के पहले दिन होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने वाली विपक्षी पार्टियों में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), डीएमके, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), शिवसेना, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, सीपीआई (एम), आईजेएमएल, आरसीपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस, एआईयूडीएफ, अलावा अकाली दल और आम आदमी पार्टी समेत कुल 16 दल शामिल हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कल कहा था कि कृषि कानूनों समेत किसानों के मुद्दों को लेकर 16 विपक्षी राजनीतिक पार्टियां एक बयान जारी कर रहे हैं कि हम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार कर रहे हैं, जो कल संसद में दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले के पीछे प्रमुख कारण यह है कि तीनों कृषि कानूनों को विपक्ष के बिना बहस के सरकार द्वारा सदन में जबरन पारित किया गया है, जो किसानों के हित में नहीं है।
बता दें कि संसद का बजट सत्र कल शुक्रवार से शुरू हो रहा है, जो दो चरणों में होगा। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार संसद का सत्र नए 'प्रोटोकोल' के हिसाब से चलेगा और कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए सत्र का संचालन होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी, लेकिन उससे पहले सरकार सदन में आर्थिक सर्वेक्षण रखेगी।