Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई केंद्र सरकार को फटकार, जानिए क्या कहा

डीएन ब्यूरो

सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले पर बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने देश में बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले पर बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि जब मौसम गंभीर होता है तो उपाय किए जाते हैं। 

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि प्रदूषण पहले से कम हुआ है। इस पर सीजेआई ने कहा है कि प्रदूषण तेज हवाओं की वजह से कम हुआ है, ना कि सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के कारण कम हुआ है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने सवाल किया कि आपने क्या किया है। अदालत ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए वह इसकी सुनवाई करता रहेगा।

राष्‍ट्रीय राजधानी में प्रदूषण को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की तरफ से विकास सिंह ने कहा कि कानून का पालन कराना राज्य सरकार का काम है, पराली को हटाने के लिए किसनो को वित्तीय मदद नहीं की जा रही है, जो देनी चाहिए।

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मुख्‍य न्यायधीश ने सॉलिसिटर जनरल से कहा आपने फ़ोन पर AQI देखा 318 है, आप कह रहे है कि 290 है, जो सही नहीं है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप इन गतिविधियों को पहले से रोक सकते हैं ताकि गंभीर स्थिति भी न बने।

सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से प्रदूषण कम करने की तत्कालिक उपाय की जानकारी देते हुए कहा गया कि प्रदूषण पहले के मुकाबले कम हुए हैं और आने वाले समय में उसके और कम होने की संभावना व्यक्त की गई है। उनकी इस दलील पर पीठ ने कहा कि यह हवा के कारण प्रदूषण स्तर कम हो सकता है। अदालत ने कहा कि हम इस समस्या का स्थाई समाधान चाहते हैं।

पीठ ने दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की सरकारों से कहा कि सिर्फ सड़कों की सफाई, धूल कम करने के लिए पानी का छिड़काव और एंटी स्मोक गन के उपयोग जैसे अस्थाई उपायों से प्रदूषण की समस्या कम नहीं की जा सकती है। इसके लिए वैज्ञानिक विश्लेषण और पूर्वानुमान के आधार पर समय रहते प्रदूषण कम करने के लिए ठोस उपाय करने होंगे।

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सर्वोच्च अदालत ने प्रदूषण के मद्देनजर लगाई जा रही पाबंदियों से प्रभावित होने वाले श्रमिकों की भी सुध ली। पीठ सरकार से कहा कि राहत देने के लिए श्रमिक कल्याण फंड जारी हो और उससे जरूरतमंदों को मदद की मदद की जाए।










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