शिवसेना नाम और निशान पर उद्धव ठाकरे गुट को नहीं मिली तात्कालिक राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को जारी करेगा नोटिस

डीएन ब्यूरो

उद्धव ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट से भी फिलहाल कोई राहत नही मिल सकी। शिवसेना नाम और पार्टी का 'धनुष-बाण' निशान फिलहाल शिंदे गुट के पास ही रहेगा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने एकनाथ शिंदे नीत गुट को वास्तविक शिवसेना मानने वाले निर्वाचन आयोग के आदेश पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले समूह को नोटिस जारी किया। उद्धव ठाकरे खेमे ने निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने ठाकरे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों पर गौर किया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े से जवाब मांगा।

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शिंदे खेमे के वकील ने पीठ से कहा कि वह इस बीच ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए कोई व्हिप जारी नहीं करेगा या प्रक्रिया शुरू नहीं करेगा। पीठ ने कहा, ‘‘ठीक है, नोटिस जारी किया जाता है। जवाबी हलफनामा दो सप्ताह के भीतर दाखिल करें।’’

पीठ ने नोटिस जारी किया लेकिन शिंदे खेमे को असली शिवसेना मानने वाले निर्वाचन आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि यह दूसरे पक्ष को सुने बिना नहीं किया जा सकता है।

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शीर्ष अदालत मंगलवार को निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ ठाकरे खेमे की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी। शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता देने के अलावा निर्वाचन आयोग ने उसे पार्टी के मूल ‘धनुष एवं तीर’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का भी आदेश दिया था।










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