देवरिया: दुग्धेश्वरनाथ मंदिर परिसर में लगी आग से आधा दर्जन दुकानें जलकर राख, मचा हड़कंप
देवरिया जनपद के ऐतिहासिक दुग्धेश्वरनाथ मंदिर परिसर में शनिवार रात अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट

रुद्रपुर: देवरिया जनपद के ऐतिहासिक दुग्धेश्वरनाथ मंदिर परिसर में शनिवार रात अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। अज्ञात कारणों से लगी इस आग में आधा दर्जन से अधिक कास्मेटिक की दुकानें जलकर खाक हो गईं। घटना में लाखों रुपये का नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। गनीमत रही कि समय पर स्थानीय लोग और दमकल कर्मी मौके पर पहुंच गए, जिससे आग पर काबू पाया जा सका और एक बड़ा हादसा टल गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह घटना रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दुग्धेश्वरनाथ मंदिर परिसर की है, जहां पर करीब 50 से अधिक अस्थायी दुकानें स्थापित हैं। ये दुकानें मुख्य रूप से पूजा सामग्री, कास्मेटिक और खाने-पीने की चीजें बेचने के लिए लगाई गई थीं। शनिवार देर रात इन दुकानों में से कुछ में अचानक आग लग गई, जिसने देखते ही देखते करीब छह दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया।
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आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कुछ ही मिनटों में दुकानों का सारा सामान जलकर राख हो गया। जिन दुकानदारों की दुकानें पूरी तरह जल गईं उनमें अंजना देवी, कल्लू, संजीव श्रीवास्तव, उदयभान और सूरज शामिल हैं।
स्थानीय लोगों ने आग की सूचना तुरंत प्रशासन और अग्निशमन विभाग को दी। साथ ही, खुद भी पानी और बाल्टियों की मदद से आग बुझाने की कोशिश करते रहे। कुछ देर बाद फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। यदि थोड़ी देर और हो जाती, तो आग पास की अन्य दुकानों और मंदिर परिसर तक फैल सकती थी।
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मेला परिसर में सुरक्षा व्यवस्था नदारद
इस हादसे ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। मेला परिसर में सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं। दुकानें अस्थायी टिनशेड और पॉलिथिन से बनाई गई हैं, जो आग की चपेट में तेजी से आ जाती हैं। ऊपर से हाइटेंशन तारों का गुजरना भी खतरे को और बढ़ा देता है। दुकानदारों का कहना है कि वे कई बार प्रशासन से सुरक्षा की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासन से मुआवजे की मांग
घटना से आहत पीड़ित दुकानदारों ने प्रशासन से मुआवजे और स्थायी सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है। उनका कहना है कि वे रोजी-रोटी के लिए इन दुकानों पर निर्भर हैं और इस हादसे ने उन्हें सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है।