राज्यपाल और केरल सरकार के बीच विवाद सिर्फ 'नाटक' है

डीएन ब्यूरो

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और वामपंथी सरकार के बीच गहराते मतभेद के बीच इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने मंगलवार को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले दोनों के बीच बढ़ती खींचतान को 'नाटक' बताया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

विवाद सिर्फ 'नाटक' है
विवाद सिर्फ 'नाटक' है


नयी दिल्ली: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और वामपंथी सरकार के बीच गहराते मतभेद के बीच इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने मंगलवार को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले दोनों के बीच बढ़ती खींचतान को 'नाटक' बताया।

आईयूएमएल के वरिष्ठ नेता पी. के. कुन्हालीकुट्टी ने दावा किया कि राज्यपाल और राज्य सरकार दोनों के अपने-अपने राजनीतिक हित हैं। चुनाव के दौरान इस खींचतान से अंततः कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को लाभ होगा।

दक्षिणी राज्य में विपक्षी दल यूडीएफ में आईयूएमएल दूसरा सबसे बड़ा गठबंधन भागीदार है।

कुन्हालीकुट्टी ने नयी दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली सरकारी पर सभी सरकारी मशीनरी का 'दुरुपयोग' करने का आरोप लगाया।

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उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ, राज्यपाल अपने पद की शालीनता और महानता को बरकरार नहीं रख पा रहे हैं।

वरिष्ठ नेता ने कहा,''दोनों जो भी कर रहे हैं वह सिर्फ नाटक है। लोकसभा चुनाव केवल दो या तीन महीने दूर हैं। यह सब चुनाव के दौरान यूडीएफ के पक्ष में रहेगा। इसमें कोई संदेह नहीं है।''

उन्होंने कहा कि राज्यपाल और एलडीएफ सरकार के बीच बढ़ते मतभेद के बीच राज्य के लोग कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को अधिक गंभीर या विश्वसनीय विकल्प मानेंगे।

कुन्हालीकुट्टी ने पिनरायी विजयन सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार के 'नव केरल सदा' कार्यक्रम को संचालित करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि लोग इसे केवल एक चुनाव अभियान के रूप में देखेंगे।

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उन्होंने कोझीकोड की एक व्यस्त सड़क पर राज्यपाल खान के दौरे को महज एक 'दिखावा' करार दिया।

आईयूएमएल नेता ने हालांकि स्पष्ट किया कि यूडीएफ राज्यपालों को अनुचित शक्ति देने का समर्थन नहीं करती है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा कि केवल केरल में ही नहीं बल्कि अन्य गैर-भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों की सरकारों को भी राज्यपालों से कामकाज में इसी तरह के हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा है और विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की आगामी बैठक में इस मामले पर चर्चा की जाएगी।










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