मासूम बच्ची से दुष्कर्म-हत्या मामले पर जानिये क्या बोले केरल के राज्यपाल, सरकार से की ये मांग
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को यहां कहा कि दुष्कर्म के बाद अलूवा में पांच वर्षीय एक बच्ची की गला घोंटकर हत्या किए जाने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार को आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
कोच्चि: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को यहां कहा कि दुष्कर्म के बाद अलूवा में पांच वर्षीय एक बच्ची की गला घोंटकर हत्या किए जाने की घटना 'दुर्भाग्यपूर्ण' है और सरकार को आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
राज्यपाल ने दिल्ली में डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, न केवल इसलिए कि किसी ने कानून का उल्लंघन किया है, बल्कि इसलिए भी कि केरल में महिलाओं को विशेष दर्जा प्राप्त है और उनका सम्मान किया जाता है।
खान ने कहा, 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे बहुत दुख और शर्मिंदगी महसूस हो रही है। सरकार भले ही सब कुछ रोकने में सक्षम न हो, लेकिन सरकार का कर्तव्य है कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि एक उदाहरण स्थापित किया जा सके और भविष्य में कोई भी ऐसा करने की हिम्मत न कर सके।'
घटना से लोगों में भी काफी रोष है और उन्होंने आरोपी को मौत की सजा दिए जाने की मांग की है।
बच्ची के शव को रविवार को उस स्कूल में रखा गया जहां वह पढ़ती थी और रविवार को सैकड़ों लोग उसे श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उन्होंने आरोपी को कठोर दंड दिए जाने की मांग की।
हर उम्र और हर वर्ग के लोग स्कूल में बच्ची को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
पूर्वाह्न लगभग 11 बजे बच्ची का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
इससे पहले आज दिन में, एक मजिस्ट्रेट अदालत ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया और मामले की सुनवाई सोमवार को एक विशेष पॉक्सो अदालत द्वारा की जाएगी। अभियोजन पक्ष उसकी सात दिन की पुलिस हिरासत मांगने की योजना बना रहा है।
विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने घटना को रोकने में सक्षम नहीं होने को लेकर राज्य सरकार और पुलिस पर निशाना साधा।
कड़ी आलोचना के बीच, केरल सरकार ने रविवार को घोषणा की कि वह प्रवासी श्रमिकों के पंजीकरण को अनिवार्य बनाने के लिए एक कानून लाने पर विचार कर रही है। यह घोषणा श्रम मंत्री वी शिवनकुट्टी ने की।
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शुक्रवार को कथित तौर पर बिहार के एक कामगार ने बच्ची को अगवा किया था और दुष्कर्म के बाद बर्बर तरीके से उसकी हत्या कर दी थी। यह कामगार और बच्ची का परिवार एक ही इमारत में रहते थे।
शनिवार को बच्ची का शव अलूवा इलाके में एक बाजार में बोरे में मिला था। आरोपी को शुक्रवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन उससे पूछताछ नहीं की जा सकी थी क्योंकि वह नशे की हालत में था।
बच्ची को श्रद्धांजलि देने उसके सहपाठियों की माताएं भी पहुंचीं। बेहद गमगीन माहौल में लोगों के दिलों में घटना को लेकर गुस्सा दिखाई दिया।
महिलाओं ने कहा कि आरोपी को जेल में रखना और उसे खाना खिलाना न्याय नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘उसे उसी तरह मारा जाना चाहिए जैसे उसने बच्ची को मारा है। अगर सरकार यह नहीं कर सकती तो उसे जनता के हवाले कर दीजिए।’’
कांग्रेस विधायक अनवर सदाथ ने कहा कि वह चाहते हैं कि सरकार और पुलिस यह सुनिश्चित करे कि आरोपी को मौत की सजा सजा मिले।
उन्होंने कहा, ‘‘जनता का प्रतिनिधि होने और एक पिता होने के नाते मैं भी यही चाहता हूं। मैंने कल केरल के मुख्यमंत्री से बात की और उनसे अनुरोध किया कि इसे एक एकमात्र घटना के रूप में देखकर जांच समाप्त नहीं करें।’’
सदाथ ने कहा, ‘‘घटना के बाद से अभिभावक डरे हुए हैं। इसलिए सरकार और पुलिस को इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए अधिक सतर्क होना होगा।’’
भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के बीच किसी भी आपराधिक तत्व और उनमें से कुछ के द्वारा मादक पदार्थों के कथित उपयोग की पहचान करने के लिए एक प्रणाली होनी चाहिए।
भाजपा नेता सोभा सुरेंद्रन ने भी आरोपी के लिए कड़ी सजा की मांग की और उन्होंने लोगों से सड़कों पर उतरकर सरकार से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कार्रवाई करने की मांग करने की अपील की।
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केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एवं भाजपा नेता वी मुरलीधरन ने पुलिस और राज्य सरकार की निंदा करते हुए कहा, ‘‘दिन में हुई घटना को पुलिस क्यों नहीं रोक सकी? इसके अलावा, अपराधी पूछताछ के दौरान पुलिस को गुमराह करने में सक्षम रहा।’’
घटना के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की और बच्ची का पता लगाने में पुलिस की ओर से कथित तौर पर चूक होने का आरोप लगाया।
केरल के पुलिस प्रमुख एस दरवेश साहेब ने आरोपों को खारिज किया और कहा कि जांचकर्ताओं के स्तर पर कोई चूक नहीं हुई है।
कांग्रेस सांसद के. मुरलीधरन ने कहा कि पुलिस 'माइक्रोफ़ोन समस्याओं' को ठीक करने में व्यस्त है।
उनका इशारा उस घटना की ओर था जिसमें कांग्रेस के दिवंगत नेता ओमन चांडी की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान माइक्रोफोन की खराबी के कारण मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का भाषण कुछ सेकंड के लिए बाधित हुआ था। इस संबंध में हाल में मामला दर्ज किया गया था।
बच्ची की हत्या की घटना पर मुरलीधरन ने कहा, 'यह एक दिल दहला देने वाली घटना है और हमारे राज्य के लिए अपमान है। अब केरल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में क्या अंतर है? क्या यहां कोई सुरक्षा है? मुख्यमंत्री को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।”
आईयूएमएल के प्रदेश महासचिव पी. एम. ए. सलाम ने भी घटना को लेकर राज्य सरकार की निंदा की।
केरल पुलिस ने शनिवार को अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर अपने पोस्ट के जरिए पीड़ित परिवार से माफी मांगी और कहा कि बच्ची को उसके परिवार से मिलाने की उसकी कोशिशें सफल नहीं हो सकीं।