DN Exclusive: 18 लाख रुपये में मुंह बंद कराने की हुई कोशिश, बूढ़े मां-बाप का बड़ा खुलासा, निक्कू जायसवाल हत्याकांड में 28 को आयेगा फैसला, टॉप-टेन अपराधी अनिल गुप्ता फैसले को लेकर निश्चिंत, चर्चाओं का बाजार गर्म
जिले के बहुचर्चित व्यापारी निक्कू जायसवाल हत्याकांड में बड़ी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर आ रही है। पांच दिन बाद यानि 28 अक्टूबर को इस संगीन मर्डर कांड में फैसला सुनाया जायेगा। बेटे की बेरहमी से चाकूओं से गला रेतकर की गयी हत्या के मामले में निक्कू के बूढ़े माता-पिता बुरी तरह रो रहे हैं। बूढ़े माता-पिता का कहना है ये दस साल एक बड़े वज्रपात की तरह गुजरे हैं। उन्होंने बताया कि हत्या के आरोपी, जिले के टॉप-टेन अपराधी, कुख्यात गैंगेस्टर और हिस्ट्रीशीटर अनिल गुप्ता ने निक्कू के बूढ़े माता-पिता को 18 लाख रुपये में खरीदने की नाकाम कोशिश की। पथरायी आंखें लिये इस बुजुर्ग दंपत्ति का कहना है कि जब 18 लाख रुपये लेकर हमने अपने बेटे की हत्या के बदले बिकने से मना किया तो गैंगेस्टर अनिल गुप्ता ने तरह-तरह से हमें फर्जी केसों में फंसाने और तोड़ने की हरसंभव कोशिश की लेकिन हम नहीं टूटे। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
महराजगंज: जिले भर में इस वक्त युवा व्यापारी निक्कू जायसवाल के हत्यारों को लेकर 28 अक्टूबर को सुनाये जाने वाले बहुचर्चित फैसले की चर्चा है। हर कोई जानना चाह रहा है कि क्या निक्कू जायसवाल के परिजनों को इंसाफ मिलेगा? यह मामला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुंदर लाल की कोर्ट में है।
डाइनामाइट न्यूज़ पर इस वक्त एक बहुत बड़ा खुलासा हो रहा है। 20 वर्षीय निक्कू के बूढ़े माता-पिता ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि हत्या करने के बाद जिले के टॉप-10 अपराधी, कुख्यात गैंगेस्टर, हिस्ट्रीशीटर अनिल गुप्ता ने परिजनों को 18 लाख रुपये देकर चुप कराने की नाकाम कोशिश की। जब वे नहीं माने तो इस कुख्यात अपराधी ने तरह-तरह से धमकियां दी और फर्जी केसों में फंसाने की कोशिशें की।
इन बूढ़े मां-बाप की आंखे दस साल से रोते-रोते पथरा गयी हैं। डाइनामाइट न्यूज़ से बात करते हुए इन्होंने कहा कि हत्या का आरोपी अनिल गुप्ता जगह-जगह कह रहा है कि कितना भी केस लड़ लो फैसला उसके पक्ष में आयेगा और वह कोर्ट से छूट जायेगा। इसके बाद से ही हम लोग बुरी तरह परेशान हैं। इस बुजुर्ग दंपत्ति का सवाल है कि फैसला आने से पहले ही हत्यारा अनिल गुप्ता ऐसा दावा कैसे कर सकता है। इन्होंने कहा कि उनको न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि उन्हें कानून के मुताबिक इंसाफ मिलेगा। वे हर दर पर अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ेंगे। चाहे वह हाईकोर्ट हो या फिर सुप्रीम कोर्ट। वे न्याय के लिए हर दरवाजे पर जायेंगे।
ये है पूरा मामला
22 मई 2012 की शाम को युवा व्यापारी राजमणि उर्फ निक्कू जायसवाल अपने छोटे भाई धीरज के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर निकला लेकिन वह अपने साथ अगले कुछ ही पलों में होने वाली बड़ी अनहोनी को नहीं भांप पाया। जिले के कोठीभार थाने में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 398/2012 धारा 147, 148, 149, 302, 323, 504, 506 भादवि के मुताबिक निक्कू की पुरैना चौराहे दुकान थी। परिवार में कपड़े, किराने व मोबाइल की दुकानें थीं। दुकान बंद कर अभी कुछ दूरी पर ही पहुंचा था कि पहले से घात लगाकर बैठे घुघुली थाने के हिस्ट्रीशीटर, गैंगेस्टर व जिले के टॉप-10 अपराधी अनिल गुप्ता ने अपने गिरोह के साथ मिलकर निक्कू जायसवाल की सनसनीखेज तरीके से चाकूओं से गला रेतकर हत्या कर दी। जानकार बताते हैं कि इसके पीछे वजह रंगदारी और वसूली थी। निक्कू युवावस्था में ही अपने भाईयों के साथ मिल व्यापार में अपने कदम बढ़ा रहा था, इसी बीच अनिल की काली नजर इसके बढ़ते व्यापार पर लग गयी और अंजाम वसूली में कामयाब न होने पर हत्या।
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इस मामले में कोठीभार पुलिस ने गैंगेस्टर अनिल गुप्ता को दोषी पाने के बाद न्यायालय में अपनी चार्जशीट संख्या ए-81-ए 16 जून को दाखिल की। अब पूरा मामला न्यायालय की चौखट पर है और 28 अक्टूबर को इस मामले में फैसला सुनाया जाना है। घुघुली थाने के बेलवा टीकर गांव के निवासी प्रेमलाल जायसवाल के घर जब डाइनामाइट न्यूज़ की टीम पहुंची तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। मृतक राजमणि उर्फ निक्कू के परिजनों ने घटना के दिन की कहानी को सिलसिलेवार तरीके से बताया।
अब देखना होगा कि हत्या के शिकार जायसवाल परिवार को क्या न्याय मिलेगा? या फिर जैसा अनिल गुप्ता दावा कर रहा है वैसा ही कुछ होगा? इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।