DN Exclusive: महराजगंज के जिलाधिकारी सत्येन्द्र झा के नाम पर धनउगाही मामले में दर्ज FIR के 14 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली, एएसपी ने कहा- जल्द पकड़े जायेंगे आरोपी

डीएन संवाददाता

महराजगंज जिले में रंगबाजों और अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि रंगदारी और वसूली के खेल में जिले के जिलाधिकारी तक तो नही बक्शा जा रहा है। बतौर वादी जिलाधिकारी द्वारा FIR दर्ज कराने के बावजूद पुलिस के हाथ 14 दिन बाद भी खाली है। इसको लेकर महराजगंज से लेकर लखनऊ तक चर्चाओं का बाजार गर्म है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:

FIR के 14 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली
FIR के 14 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली


महराजगंज: 16 अगस्त को डीएम सत्येन्द्र कुमार झा ने खुद एक एफआईआर बतौर वादी कोतवाली थाने में दर्ज करायी थी। मुकदमा अपराध संख्या 343/2022 धारा 419,420,66D के अंतर्गत दर्ज हुई FIR में सत्येन्द्र कुमार झा ने कहा है कि WhatsApp की डीपी पर उनकी फोटो का इस्तेमाल कर मोबाइल नंबर 6206152386 से मेरे परिचितों से पैसे की मांग की जा रही है जबकि मेरा इस मोबाइल नंबर से कोई वास्ता-सरोकार नहीं है। डीएम ने अपनी तहरीर में लिखा है कि जिसके द्वारा यह कृत्य किया जा रहा है, वह साइबर अपराध की श्रेणी में आता है। इसकी जांच कर वैधानिक कार्यवाही की जाय। डीएम ने यह तहरीर एसपी को भेजी फिर एसपी के निर्देश पर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत हुआ। 

डाइनामाइट न्यूज़ ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि 14 दिन बाद भी पुलिस हवा में तीर चला रही है और उसके हाथ खाली हैं।

विवेचना में अब तक पुलिस क्या पाया कुछ अता-पता नहीं? य़दि जिले की पुलिस नाकाम साबित हो रही है तो क्यों नहीं केस की विवेचना किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंप दी जा रही है। पुलिस ने सिम कार्ड खरीदने वाले तक पहुंची या नहीं, यह भी एक बड़ी सवाल है। 

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चर्चाओं का बाजार गर्म है कि अफसरों के साथ सुबह दस बजते ही बैठकी लगाने वाला जिले का एक चर्चित भू-माफिया इस काले कांड के पीछे हो सकता है लेकिन क्या इस सत्ता की चाशनी में लिपटे इस भू-माफिया से कोई पूछताछ की गयी, यह सवालों के घेरे में है।

अब सवाल यह है कि जब जिलाधिकारी ही अवैध वसूली और रंगदारी के मामले में नहीं छोड़े जा रहे है और मुकदमा दर्ज कराने के बावजूद अभी तक जाँच में कोई सफलता मिली है तो आम जनता के बारे में कौन सोचने वाला है?  

इस संबंध में डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत के दौरान जिले के अपर पुलिस अधीक्षक आतिश कुमार सिंह ने बताया कि मामला साइबर अपराध का है। इसमें जांच चल रही है। जल्द ही आरोपी पकड़ में आएगा। 

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बड़ा सवाल यह भी है कि क्या पुलिस केस सही खोलेगी या फिर दबाव के चलते फर्जी खुलासा कर मामले को लीप-पोत दिया जायेगा। इसका पता तो खुलासे के साथ ही चलेगा।










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