घरेलू प्रबल दावेदार निकहत, लवलीना, नीतू और स्वीटी की निगाहें स्वर्ण पदक पर
निकहत जरीन, लवलीना बोरगोहेन, नीतू गंघास और स्वीटी बूरा महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए घरेलू प्रशंसकों के सामने अपने पदकों का रंग बदलने के लिए बेताब होंगी।
नई दिल्ली: निकहत जरीन, लवलीना बोरगोहेन, नीतू गंघास और स्वीटी बूरा महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए घरेलू प्रशंसकों के सामने अपने पदकों का रंग बदलने के लिए बेताब होंगी।
चारों भारतीयों ने गुरुवार को यहां अपने सेमीफाइनल जीतकर कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है।
निकहत के पास महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम के बाद एक से ज्यादा बार यह प्रतिष्ठित खिताब अपनी झोली में डालने वाली दूसरी भारतीय बनने का मौका होगा। मैरीकॉम छह बार की विश्व चैम्पियन हैं।
निकहत पेरिस ओलंपिक से 52 किग्रा को हटाये जाने के बाद इससे कम 50 किग्रा वर्ग में खेल रही हैं।
लाइट फ्लाईवेट वर्ग में इस 26 साल की निकहत का फाइनल तक का सफर सभी भारतीय मुक्केबाजों में सबसे कठिन रहा जो सभी पांचों मुकाबलों में मजबूत प्रतिद्वंद्वियों से भिड़कर यहां तक पहुंची। वह अब दो बार की एशियाई चैम्पियन वियतनाम की एनगुएन थि ताम से भिड़ेंगी।
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निकहत ने तीन मुकाबले (मंगलवार, बुधवार और गुरूवार) लगातर लड़े और उन्होंने स्वीकार भी किया वह थक गयी थीं लेकिन फाइनल से पहले उन्हें दो दिन का ब्रेक मिला जो उबरने के लिये अहम रहेगा।
निगाहें लवलीना पर भी लगी होंगी जो कांस्य पदक के फेर से निकलकर राहत महसूस कर रही होंगी। उन्होंने पहली बार विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया। असम की मुक्केबाज ने 2018 और 2019 चरण में कांस्य पदक जीते थे।
तोक्यो ओलंपिक की पदक विजेता भी नये वजन वर्ग में खेल रही हैं, वह अब 69 किग्रा से बढ़कर मिडिलवेट 75 किग्रा वर्ग में खेल रही हैं।
उनका सामना रविवार को फाइनल में राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता आस्ट्रेलिया की कैटलिन पार्कर से होगा।
वहीं 2022 स्ट्रैंड्जा मेमोरियल और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू ने लगातार तीन जीत ‘आरएससी’ (रैफरी द्वारा मुकाबला रोकना) से की जिसके बाद कजाखस्तान की अलुआ बाल्कीबेकोवा को पराजित किया।
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वह शनिवार को फाइनल में मंगोलिया की एशियाई चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता लुतसाईखान अल्तांतसेतसेग से भिड़ेंगी।
अनुभवी स्वीटी 2014 में स्वर्ण पदक जीतने के करीब पहुंची थी और वह पहली बार विश्व खिताब अपने नाम करने की कोशिश करेंगी।
हरियाणा की मुक्केबाज दो मुकाबले खेलकर फाइनल में पहुंच गयी और फिर उन्होंने सेमीफाइनल में 4-3 से जीत दर्ज की। शनिवार को वह 2018 चैम्पियन और 2019 की कांस्य पदक विजेता चीन की वांग लिना के सामने होंगी।
इस चौकड़ी के पास स्वर्ण पदक के मामले भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी करने का मौका होगा।
देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 में आया था जब मैरीकॉम, सरिता देवी, जेनी आर एल और लेखा केसी ने स्वर्ण पदक जीते थे। इस चरण में भारत ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य से कुल आठ पदक जीते थे।