Chandrayaan-2: चांद की सतह पर ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए लैंडर ‘विक्रम’, बनेगा रिकॉर्ड
चांद पर शनिवार तड़के सॉफ्ट लैंडिंग के भारत के प्रयास के दौरान लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान सभी के आकर्षण का केंद्र होंगे।
बेंगलुरु: चांद पर शनिवार तड़के सॉफ्ट लैंडिंग के भारत के प्रयास के दौरान लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान सभी के आकर्षण का केंद्र होंगे। चांद के अध्ययन के लिए भेजा गया चंद्रयान-2 देश में विकसित प्रौद्योगिकी से परिपूर्ण है। इसके 1,471 किलोग्राम वजनी लैंडर का नाम विक्रम है और यह नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया है।
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ISRO: The soft landing of #Chandrayaan2 Vikram lander on lunar surface is scheduled between 1:30 am to 2:30 am on Saturday, September 07, 2019. This will be followed by the Rover roll out between 5:30 am to 6:30 am. pic.twitter.com/GCGYrYlohv
— ANI (@ANI) September 6, 2019
लैंडर के चांद पर उतरने के बाद इसके भीतर से रोवर प्रज्ञान बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस यानी के पृथ्वी के 14 दिनों की अवधि तक अपने वैज्ञानिक कार्यों को अंजाम देगा। रोवर 27 किलोग्राम वजनी छह पहिया रोबोटिक वाहन है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस है। इसका नाम प्रज्ञान है जिसका मतलब बुद्धिमत्ता से है। यह लैंडिंग स्थल से 500 मीटर तक की दूरी तय कर सकता है और यह अपने परिचालन के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा। यह लैंडर को जानकारी भेजेगा और लैंडर बेंगलुरु के पास ब्याललु स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क को जानकारी प्रसारित करेगा।
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इसरो के अनुसार लैंडर में तीन वैज्ञानिक उपकरण लगे हैं जो चांद की सतह और उप सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा, जबकि रोवर के साथ दो वैज्ञानिक उपकरण हैं जो चांद की सतह से संबंधित समझ में मजबूती लाने का काम करेंगे। लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में दो गड्ढों मैंजिनस सी और सिंपेलियस एन के बीच उतरेगा। (भाषा)