फतेहपुर: बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों का प्रदर्शन

डीएन संवाददाता

यूपी सरकार द्वारा सूबे के कुछ क्षेत्रों बिजली विभाग के निजीकरण का फैसला किया गया है, सरकार का मानना है कि इससे बिजली आपूर्ति में सुधार होगा, लेकिन राज्य के बिजली कर्मचारी सरकार के इस फैसले को जन विरोधी करार दे रहे हैं। पूरी खबर..



फतेहपुर: यूपी सरकार द्वारा बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में पूरे प्रदेश में कार्यरत विद्युत कर्मियों का गुस्सा करंट बनकर दौड़ने लगा है। प्रदेश के अन्य हिस्सों में सरकार के इस फैसले के खिलाफ चल रहा प्रदर्शन फतेहपुर भी पहुंच गया। जिले के बिजली विभाग के कर्मचारियों ने मंगलवार को हाईडिल कॉलोनी में सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया।

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत के दौरान अधिशासी अभियंता आरएन सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार विभाग का पूरी तरह निजीकरण करना चाहती है। सरकार का यह फैसला बिजली विभाग, किसानों और गरीब तबकों के साथ नाइंसाफी है। सरकार केवल नई-नई योजनाएं बनाती है लेकिन उसके लिए सही समय पर बजट नहीं देती है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने अपना फैसला नहीं बदला तो वे और उग्र प्रदर्शन करेंगे।   

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प्रदेश सरकार ने शुरुआत में  पांच महानगरों लखनऊ, गोरखपुर, मेरठ, वाराणसी और मुरादाबाद में बिजली को निजीकृत करने का फैसला किया है। सरकार का मानना है कि इससे राजस्व में वृद्धि होगी और प्रदेश के गाँव-गांव तक बिजली पहुंचेगी। लेकिन राज्य के बिजली कर्मचारी सरकार के इस फैसले को जनविरोधी करार दे रहे हैं।

प्रदर्शन के दौरान अधिक्षण अभियंता आरआर सिंह, अधिशाषी अभियंता एसडी सिंह,अधिशाषी अभियंता सरोज सिंह, केसी मौर्य, उपखंड अधिकारी नितिन जयसवाल, अविनाश अग्रहरि, अवर अभियंता नीलेश मिश्रा सहित बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

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