Encounter Specialist: जानिये उस IPS अमिताभ यश के बारे में जिसकी असद एनकाउंटर के बाद देश भर में हो रही है चर्चा

डीएन संवाददाता

पिछले 20 साल में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में जब-जब कानून के राज को बड़े माफियाओं ने चुनौती दी है तब-तब 1996 बैच के आईपीएस अमिताभ यश उन पर कहर बनकर टूटे हैं। आज हम डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में आपको बता रहे हैं ऐसे साहसी आईपीएस अमिताभ यश के बारे में।



नई दिल्ली: यूं तो देश भर में 5000 से अधिक आईपीएस अफसर हैं लेकिन देश से लेकर विदेश तक अपनी काबिलियत और साहस के लिए गिने-चुने अफसर ही जाने जाते हैं। उन्हीं में से एक नाम है अमिताभ यश। ये 1996 बैच के यूपी कैडर के IPS हैं।

6 साल पहले डाइनामाइट न्यूज़ ने अपने लोकप्रिय टॉक शो एक मुलाकात में इनका आधे घंटे का विशेष साक्षात्कार किया था। उसमें इन्होंने अपनी पुलिसिंग के बारे में तमाम बातें विस्तार से बतायी थीं। देखिये इंटरव्यू का लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=IyDAbD9xTsE

गुरुवार की दोपहर एक बजे जैसे ही यह खबर वायरल हुई कि UP STF ने प्रयागराज के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड के 5-5 लाख के दो बड़े इनामी अपराधियों में शामिल माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके शूटर साथी गुलाम को झांसी में मार गिराया है तब से ही Twitter पर Amitabh Yash और यूपी एसटीएफ ट्रेंड करने लगा। 

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जब देश में कोरोना का कहर चल रहा था तब जुलाई 2020 में उत्तर प्रदेश का कानपुर जिला दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के द्वारा सरेआम 8 पुलिस कर्मियों की हत्या से थर्रा उठा था। उस वक्त यूपी पुलिस की साख दांव पर थी, तब विकास दुबे का एनकाउंटर कर अमिताभ यश की टीम चर्चा के केन्द्र में आयी थी।

देश भर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रुप में चर्चित अमिताभ यश के पिता रामयश सिंह भी बिहार कैडर के जाने-माने आईपीएस रहे हैं। 11 अप्रैल 1971 को बिहार के पटना में जन्मे अमिताभ मूल रुप से भोजपुर जिले के रहने वाले हैं। 

डेढ़ सौ से अधिक एनकाउंटर करने वाले अमिताभ की सबसे बड़ी उपलब्धि है उत्तर प्रदेश के चंबल के इलाके को दुर्दांत डकैतों से मुक्त कराना।

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एक वक्त था जब फिल्मी अंदाज में बीहड़ के इलाकों में दस्युओं का आतंक होता था तब इन्होंने महीनों जंगल में कांबिंग कर ददुआ और ठोकिया जैसे डकैतों को अपनी गोलियों से मार गिराया।

यूपी के नोएडा, कानपुर जैसे एक दर्जन बड़े और चुनौतीपूर्ण जिलों में एसएसपी रह चुके अमिताभ को दंगों से निपटने में एक्सपर्ट माना जाता है।










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