फतेहपुर: बारिश ना होने व बिजली विभाग की लापरवाही के कारण सूख रही फसल, डीजल से सिंचाई करने को मजबूर किसान
यूपी के फतेहपुर में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बारिश ना होने के चलते उन्हें महंगे डीजल से सिंचाई करनी पड़ रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
फतेहपुर: जनपद के सदर तहसील क्षेत्र में पर्याप्त बरसात न होने से धान की फसल सूखने की कगार पर है। मजबूर किसान इंजनों में डीजल फूंक कर फसलों की सिंचाई कर रहे हैं। इससे लागत अधिक आने से किसान परेशान है। बिजली भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही है। इससे सबमर्सिबल भी नहीं चल पा रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार किसानों ने बताया कि पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से बरसात नहीं हुई है। तहसील क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रफल में धान की रोपाई हो चुकी है। परंतु बारिश न होने से ज्यादातर फसल सूख रही है। पानी न मिल पाने से धान का उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है। किसान नलकूप, नहर और अन्य संसाधनों से सिंचाई कर रहे हैं। खेतों में जगह जगह दरारें आ रही हैं। प्रत्येक सप्ताह सिंचाई की आवश्यकता पड़ रही है। भीषण गर्मी से जनमानस व मवेशी भी परेशान हैं।
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इस दौरान किसान नेता सोनू सिंह गौतम, रविदेव सिंह, दिनेश सिंह, धर्मप्रकाश मौर्य, जयसिंह मौर्य, दुर्गेश मौर्य आदि ने बताया कि इस समय धान की फसल में कल्ले बनने की अवस्था में है। ऐसी परिस्थिति में खेत में नमी बनाए रखना अति आवश्यक है। किसानों ने बताया कि यदि इस समय पानी न मिला तो पौधे की वृद्धि प्रभावित हो सकती है। इससे उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। महंगे डीजल और बिजली से सिंचाई करने में किसानों को बहुत अधिक राशि लगानी पड़ रही है। बिजली भी समय से नहीं मिल पा रही है तथा कटौती के साथ क्षेत्र में आपूर्ति सुचारू रूप से नहीं की जा रही है। इसकी वजह से फसल की सिंचाई करना किसानों के लिए नामुमकिन सा है।
सस्ता डीजल और नहरों में पानी छोड़ने की मांग
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किसानों ने कहा कि इस समय बारिश न होने से फसल सूख रही है तथा डीजल महंगा होने के कारण सिंचाई करना मुश्किल हो रहा है। इसके चलते फसल की लागत काफी अधिक बढ़ रही है। किसान बबलू ने बताया कि इस समय नहर में पानी भी नहीं आ रहा है। जरौली पंप कैनाल आए दिन बंद कर दिया जाता है। सुजानपुर रजबहे की हेड प्रत्येक दिन चार पांच बार कर्मचारियों द्वारा बंद कर देने से गुलाबे में पानी नहीं पहुंच पाता। इसके कारण किसानों की अधिकतर फसल सूखने की कगार पर है। यदि दो चार दिन और बारिश न हुई तो धान की फसल पूरी तरह सूख जाएगी। इसके अलावा किसानों ने सरकार से सस्ता डीजल, पर्याप्त मात्रा में बिजली के साथ साथ सभी नहरों में हेड से लेकर टेल तक पानी पहुंचाए जाने की मांग की है।