फतेहपुर: सदर अस्पताल पड़ा बीमार, ब्लड बैंक को पैथोलॉजिस्ट की दरकार
स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित बड़ी सुविधाओं का अभाव होने के कारण जब कोई अस्पताल खुद ही बीमार पड़ जाए तो वहां जरूरतमंदों का इलाज कैसे होता होगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। जिले के सदर अस्पताल के हाल भी कुछ इसी तरह दयनीय है, जिसे खुद इलाज की सख्त जरूरत है।
फतेहपुर: स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के सरकारी प्रयास भले ही जारी हों, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत वास्तविकता से कोसों दूर है। कई तरह की सुविधाओं का अभाव होने से कई अस्पताल खुद ही बीमार है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन अस्पतालों में जरूरत मंदों का इलाज किस तरह संभव हो पाता होगा। जिले के सदर अस्पताल का हाल भी कुछ ऐसा ही है, जहां ब्लड बैंक तो है लेकिन पैथोलोजिस्ट के अभाव में यह राम भरोसे ही चल रहा है।
सदर अस्पताल के नवीनीकरण को लेकर केंद्रीय ड्रग इंस्पेक्टर विनय कुमार गुप्ता और फतेहपुर के ड्रग इंस्पेक्टर विनय कृष्ण ने गुरुवार को जब ब्लड बैंक का निरीक्षण किया तो यहां एक बहुत बड़ी खामी नजर आयी। यहां के ब्लड बैंक का संचालन बिना किसी पैथोलोजिस्ट के ही हो रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस ब्लड बैंक से जरूरत मंदों को किस तरह की सुविधायें मिलती होंगी।
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डाइनामाइट न्यूज़ ने जब इस बारे में अस्पताल से पूछा तो पता चला कि ब्लड बैंक में पैथोलोजिस्ट नहीं होने की जानकारी से शासन को भी कई बार अवगत कराया गया लेकिन फिर भी यहां पैथोलोजिस्ट की नियुक्ति नहीं की गई। जिसके अभाव में जरूरतमंदों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है।
डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत करते हुऐ फतेहपुर के ड्रग इंस्पेक्टर विनय कृष्ण ने कहा कि किसी भी ब्लड बैंक में पैथोलोजिस्ट जरूर होना चाहिए लेकिन यहां यह सबसे बड़ी कमी है।
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