फतेहपुर के लाल त्रिवेद प्रकाश के घर-गांव में सन्नाटा, शहीद की शहादत को हर व्यक्ति का सलाम, पार्थिव शरीर का इंतजार

डीएन संवाददाता

फतेहपुर का लाल त्रिवेद प्रकाश नापाक पाक की घनौनी हरकत का बहादुरी से जबाव देते वक्त जम्मू-कश्मीर की सीमा पर देश के लिये शहीद हो गया। पढिये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट



फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के लाल त्रिवेद प्रकाश देश के लिये सीमा पर शहीद हो गये। बिंदकी तहसील के नंदापुर गाँव निवासी त्रिवेद जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 332 मीडियम रेजिमेंट 6RR डेल्टा कंपनी में तैनात थे। पाकिस्तान की नाकाम हरकत का मुंहतोड़ जवाब देते वक्त शहीद हुए त्रिवेद के गांव-क्षेत्र और पूरे परिवार में सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां हर कोई गमगीन है लेकिन वीर सैनिक की शहादत को हर कोई नमन कर रहा है। सभी लोग त्रिवेद के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं ताकि वीर सैनिक को अपनी अंतिम सलामी देकर वे फख्र महसूस कर सकें।   

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक त्रिवेद प्रकाश के शहीद होने की सूचना जैसे ही उनके घरवालों को मिली, उसके बाद से घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। हर की आंखे नम है और गांव-क्षेत्र का हर व्यक्ति वीर सैनिक के घर पहुंचकर उनके परिजनों का ढांढस बंधा रहे हैं।   

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक नंदापुर गाँव के रहने वाले सेना के जवान त्रिवेद प्रकाश वर्ष 2015 में सेना में भर्ती हुए थे। इस समय वह जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 332 मीडियम रेजिमेंट 6RR डेल्टा कंपनी में जीडी गनर के पद पर तैनात थे। बीते शनिवार की शाम को सेना के अधिकारियों द्वारा उनके परिवार वालो को सूचना दी गई कि दुश्मन से मुठभेड़ के दौरान उनका लाल वीरगति को प्राप्त हो गया है।

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त्रिवेद के शहीद होने की सूचना के बाद से उनका पूरा परिवार और गांव गमजदा है। लोग शहीद जवान के पार्थिव शरीर के पहुंचने का इंतजार कर रहे है। आसपास के क्षेत्रों से ग्रामीणों का आना-जाना लगा हुआ है। 

वहीँ शहीद जवान के बड़े भाई वेद प्रकाश तिवारी की सरकार से मांग है कि उसके शहीद हुए छोटे भाई के नाम से गाँव में स्मारक बनाया जाए और साथ-साथ मुगल रोड सेबसी मिस्सी मार्ग से ग्राम नंदापुर गांव तक का रास्ता उसके शहीद भाई के नाम से बनाया जाए। 










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