Research Report: फ्लू टीकाकरण से कम हो सकता स्ट्रोक का जोखिम, पढ़िये ये शोध रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

वैज्ञानिकों ने अपने एक नये शोध में यह पता लगाने की कोशिश की है क्या फ्लू का टीका लगाने से इंसान में स्ट्रोक के जोखिमों को कम किया जा सकता है? शोध के नतीजे पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में

फ्लू टीकाकरण लगभग हर देश में प्रचलन में (फाइल फोटो)
फ्लू टीकाकरण लगभग हर देश में प्रचलन में (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: फ्लू को आमतौर पर इनफ़्लुएंज़ा या संक्रमण बुखार भी कहा जाता है। फ्लू कई तरह का होता है और इसके कारण इंसान कई तरह की बीमारियों से भी ग्रस्त होता है। फ्लू से बचाव के लिये भारत समेत हर देश में कई तरह के टीकाकरण कार्यक्रम प्रचलन में है। वैज्ञानिकों का एक नया शोध बताता है कि साल में फ्लू टीका लगवाने वाले लोगों में स्ट्रोक या मस्तिष्क आघात का खतरा कम हो सकता है। 

वैज्ञानिकों के इस नये शोध के नतीजे मेडिकल जर्नल ऑफ अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित किया गया है। 

इस शोध के प्रमुख लेखक जे. डी अबाजो, एमडी, एमपीएच, पीएचडी ने यूनिवर्सिटी ऑफ अल्काला, मैड्रिड, स्पेन में कहा कि ‘कई अध्ययनों में साफ हो चुका है कि फ्लू से संक्रमित होना इंसान में स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देता है लेकिन हमने इस दिशा में शोध किया कि क्या फ्लू का टीका लगाने से स्ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है?’  

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अबाजो कहते हैं कि हमारे शोध के आंकलनों का अध्ययन बताता है कि जिन लोगों ने फ्लू से बचाव के लिए सालाना आधार पर टीके लगाये, उनमें स्ट्रोक का खतरा कम पाया गया। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि इसके स्पष्ट नतीजों के लिये अभी और ज्यादा शोध की जरूरत है। हमें आगे फ्लू के टीके के सुरक्षात्मक प्रभाव और अन्य कारकों को समझना होगा।

वैज्ञानिकों ने अपने इस शोध में इस्केमिक स्ट्रोक का अध्ययन किया, जो मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में रुकावट का बड़ा कारण होता है और यह स्ट्रोक का सबसे आम प्रकार है। इंसानों में सभी तरह के स्ट्रोकों में इसके मामले सबसे ज्यादा देखे जाते हैं। 

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इस नये अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने स्पेन में एक बड़े हेल्थ केयर डेटाबेस का आंकलन किया और इसमें ऐसे लोगों को शामिल किया, जिनकी उम्र 40 वर्ष या उससे कम थी और जिन्हें 14 साल की अवधि में पहला स्ट्रोक आया था। इन लोगों में वार्षिक आधार पर फ्लू टीका लगाने के चक्र का आंकलन और अध्ययन किया गया।

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शोध के दौरान स्ट्रोक से जूझ चुके व्यक्ति की तुलना समान उम्र और लिंग के पांच लोगों से की गई। नतीजों में 14,322 लोग ऐसे पाये गये, जिन्हें स्ट्रोक आया था और 71,610 लोग ऐसे मिले जिन्हें स्ट्रोक नहीं आया था। अध्ययन के नतीजों से यह बात सामने आई कि ऐसे लोगों की आनुपातिक संख्या ज्यादा थी, जिन्होंने स्ट्रोक ग्रस्त व्यक्तियों की तुलना में 14 दिन पहले सालाना आधार पर फ्लू का टीका लगाया और उन्हें स्ट्रोक नहीं आया।










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