Gorakhpur: पुराने आलू को केमिकल से नया बनाने का घातक खेल, फूड विभाग की सख्त कार्रवाई

डीएन ब्यूरो

गोरखपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने मिलावटी दाल और पुराने आलू को केमिकल के जरिए नया बनाकर बेचने को लेकर छापा मारा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

केमिकल वाला आलू जब्त
केमिकल वाला आलू जब्त


गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आलू के सीजन के बीच बाजार में पुराने आलू को केमिकल के जरिए नया बनाने का घातक खेल सामने आया है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। असिस्टेंट फूड कमिश्नर डॉ. सुधीर कुमार सिंह के निर्देशन और मुख्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी के कुशल मार्गदर्शन में खाद्य सुरक्षा अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव और अंकुर मिश्रा की टीम ने महेवा मंडी में छापेमारी कर 180 क्विंटल आलू जब्त किया।

टीम ने पाया कि पुराने आलू को जमीन में गड्ढा करके उसमें केमिकल मिलाया जा रहा था। इसके बाद बूट से कुचलकर छिलके हटाए जाते थे और लाल रंग की मिट्टी लगाकर बाजार में बेचने के लिए तैयार किया जा रहा था। छापेमारी के दौरान कारोबारी ने बताया कि यह आलू बाराबंकी और उन्नाव से आया था।

खेसारी की दाल पर भी छापेमारी

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सहजनवा क्षेत्र में खेसारी की दाल बेचने की शिकायत पर भी छापेमारी की गई। वहां से दाल के नमूने संग्रहित कर प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे गए हैं।

आलू की खरीददारी में रहे सतर्क

डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने उपभोक्ताओं को सतर्क करते हुए बताया कि आलू खरीदते समय उसकी जांच जरूर करें। अगर आलू को पानी में भिगोने पर छिलका उतरता है या दबाने पर मुलायम महसूस होता है, तो यह पुराना आलू हो सकता है।

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स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव

फिलहाल 180 क्विंटल आलू को मौके पर नष्ट कर दिया गया है। खाद्य अधिकारियों ने बताया कि केमिकल वाले आलू का सेवन आंत और लीवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।

जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित कारोबारियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे खाद्य सामग्री खरीदने में सतर्कता बरतें। 










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