पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे बूटा सिंह का निधन, जानिये उनके बारे में
आठ बार लोक सभा सदस्य रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह का दिल्ली में निधन हो गया है। वे राज्यपाल भी रह चुके हैं। डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह का (86) दिल्ली में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। बूटा सिंह को सिख समुदाय का एक बड़ा नेता माना जाता था। वे बिहार के राज्यपाल समेत कई महत्पूर्ण पदों पर रह चुके हैं। वे आठ बार लोक सभा के लिये चुने गये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रसे के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने बूटा सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया है।
नेहरू-गांधी परिवार के भरोसेमंद रहे बूटा ने गृह, कृषि, रेल, खेल मंत्री और अन्य कार्यभार संभाला। इसके अलावा वे 2004 से 2006 तक बिहार के राज्यपाल भी रहे और 2007 से 2010 तक मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला।
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पीएम नरेंद्र मोदी ने बूटा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए लिखा- 'श्री बूटा सिंह जी गरीबों के कल्याण के साथ-साथ दलितों के कल्याण के लिए एक अनुभवी प्रशासक और प्रभावी आवाज थे. उनके निधन से मैं दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना है।'
Shri Buta Singh Ji was an experienced administrator and effective voice for the welfare of the poor as well as downtrodden. Saddened by his passing away. My condolences to his family and supporters.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 2, 2021
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'सरदार बूटा सिंह जी के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा. इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।'
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सरदार बूटा सिंह जी के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 2, 2021
उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा।
इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।
बूटा के परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं। 21 मार्च, 1934 को पंजाब के जालंधर के मुस्तफापुर गांव में जन्मे बूटा 8 बार लोकसभा के लिए चुने गए।