Geeta Press trustee Baijnath Aggarwal: देखिये कैसे एक कर्मचारी से गीता प्रेस के ट्रस्टी तक का सफर तय किया बैजनाथ अग्रवाल ने
गीता प्रेस के न्यासी बैजनाथ अग्रवाल का शनिवार तड़के निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
गोरखपुर: गीता प्रेस के न्यासी बैजनाथ अग्रवाल का शनिवार तड़के निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अग्रवाल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने उनके बेटे देवी दयाल अग्रवाल से बात की और अपनी संवेदना व्यक्त की।
बैजनाथ अग्रवाल ने शनिवार सुबह करीब 2:30 बजे गोरखपुर के हरिओम नगर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
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एक सरकारी बयान के मुताबिक शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है, ‘‘विगत 40 वर्षों से गीता प्रेस के न्यासी के रूप में बैजनाथ जी का जीवन सामाजिक जागरूकता और मानव कल्याण के लिए समर्पित रहा। वह ईश्वर के अनन्य भक्त थे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैजनाथ जी के निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।
बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिजनों से बात कर उन्हें ढांढस बंधाते हुए दिवंगत आत्मा की सद्गति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
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बैजनाथ अग्रवाल 1950 में महज 17 साल की उम्र में गीता प्रेस से बतौर एक कर्मचारी जुड़े। चालीस साल बाद, 1983 में, वह गीता प्रेस के न्यासी बने। इस पद से पहले उन्होंने वहां प्रशासक की भूमिका भी निभाई थी।
अग्रवाल ने करीब 70 सात तक गीता प्रेस में अपनी सेवाएं दीं और उन्होंने कभी भी किसी अन्य नौकरी या करियर के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने अपना पूरा जीवन गीता प्रेस को समर्पित कर दिया।
गीता प्रेस के प्रबंधक लाल मणि त्रिपाठी ने बताया कि गीता प्रेस के वरिष्ठ न्यासी बैजनाथ अग्रवाल का शनिवार तड़के निधन हो गया और यह दिन वाकई गीता प्रेस के लिए दुखद दिन है। वह 1950 से प्रेस से जुड़े थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन गीता प्रेस को समर्पित कर दिया।