गोकुलराज हत्या मामला: मद्रास उच्च न्यायालय ने निचली अदालत से मिली सजा बरकरार रखी

डीएन ब्यूरो

मद्रास उच्च न्यायालय ने वर्ष 2015 में नमक्कल जिले के तिरुचेंगोडे में अगड़ी जाति की महिला से संबंध होने के शक में अनुसूचित जाति के इंजीनियरिंग के छात्र की हुई हत्या के मामले में निचली अदालत द्वारा आठ लोगों को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बृहस्पतिवार को बरकरार रखा।

मद्रास उच्च न्यायालय (फाइल)
मद्रास उच्च न्यायालय (फाइल)


चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने वर्ष 2015 में नमक्कल जिले के तिरुचेंगोडे में अगड़ी जाति की महिला से संबंध होने के शक में अनुसूचित जाति के इंजीनियरिंग के छात्र की हुई हत्या के मामले में निचली अदालत द्वारा आठ लोगों को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बृहस्पतिवार को बरकरार रखा।

वहीं, अदालत ने दो आरोपियों के आरोपों में बदलाव कर पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई।

उल्लेखनीय है कि मदुरै की विशेष सत्र अदालत ने मामले में 10 लोगों को बिना किसी राहत उम्र कैद की सजा सुनाई थी जिसके खिलाफ दाखिल अपील पर उच्च न्यायालय ने यह फैसला सुनाया।

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न्यायमूर्ति एम.एस.रमेश और न्यायमूर्ति एन.आनंद वेंकटेश की पीठ ने दोषियों की अपील खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा।

पीठ ने कहा कि निचली अदालत द्वारा आरोपियों को दोषी करार देने के दिए फैसले में कोई त्रुटि नहीं पाई गई है।

गौरतलब है कि गोकुलराज 23 जून 2015 को लापता हो गया था और आखिरी बार वह एक महिला मित्र के साथ तिरुचेंगोडे स्थित मंदिर के नजदीक देखा गया था। बाद में उसकी सिरकटी लाश नमक्कल में रेलवे स्टेशन के नजदीक मिली थी।

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