गोरखपुर: नवरात्रि के पहले दिन मां कोटही के दरबार में उमड़े श्रद्धालु
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन रुद्रपुर के मां कोटही देवी मंदिर में माता के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गोरखपुर: गोरखपुर (Gorakhpur) से दक्षिण दिशा में 20 किमी की दूरी पर खजनी क्षेत्र के रुद्रपुर में मां कोटही देवी (Kotahi Devi Mandir) का प्राचीन है। नवरात्रि (Navratri) के प्रथम दिन जमावड़ा लग हुआ है। ऐसी मान्यता है कि यहां मांगी गई मुराद कभी खाली नहीं जाती है। नवरात्रि के प्रथम दिन पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।
बंजारों ने की थी अराधना
गोरखपुर जनपद के दक्षिणांचल क्षेत्र मुख्यालय से 18 किमी की दूरी पर स्थित रुद्रपुर गांव (Rudrapur Village) से सटे पश्चिम व उत्तर दिशा के कोने पर मां कोटही का प्राचीन मन्दिर है। जहां लोगों के अनुसार, यहां कभी विशाल जंगल हुआ करता था। दिन में भी लोग भय के चलते इस तरफ नहीं आते थे। जानवरों एवं पंछियों के बीच केवल बंजारे ही रहते थे। उन्होंने ही अपनी अराधना से मां कोटही को खुश किया।
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पिंडी को शक्ति के रूप में पहचाना गया
बंजारों के आह्वान पर मां प्रकट हुईं। ऐसी मान्यता है कि आज जहां मंदिर स्थापित है, वहीं मां ने बंजारों को दर्शन दिया था। बंजारों ने ही मां कोटही की पिंडी स्थापित की। बंजारों के जाने के बाद जब धीरे-धीरे जंगल का कटान शुरू हुआ तो लोगों को एक पेड़ के नीचे पिंडी दिखाई दी।
यहां बंजारों के होने के कई पहचान छूटे थे। इस पिंडी को शक्ति के रूप में पहचाना गया। उसी समय से लोगों ने पूजन-अर्चन शुरू कर दी। बदलते समय के अनुसार, रुद्रपुर के ही कुछ लोगों ने पिंडी वाले स्थान पर मन्दिर का निर्माण करवाकर मूर्ति की स्थापना कराई।
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भव्य मेले का भी होता है आयोजन
मां कोटही के दरबार में सामान्य दिनों में भी हर रोज सैकड़ों हाथ मन्नतों के लिए पसारे जाते हैं। चैत्र रामनवमी और नबरात्रि दशहरा में यहां भव्य मेले का भी आयोजन होता है। मंदिर के पुजारी आचार्य पं. अभिषेक राम त्रिपाठी व गुड्डू बाबा ने बताया मां कोटही देवी के आशीर्वाद से बहुत से लोग बड़े अधिकारी, नेता हुए हैं। यहाँ हिमांचल प्रदेश के गवर्नर शिव प्रताप शुक्ल का पैतृक गांव भी है, हर वर्ष मा कोटही मन्दिर पर अपना माथा टेकने मन्दिर में परिवार के साथ आते है, यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामना जरूर पूरी होती है।
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